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BHU कुलपति के खिलाफ हिंदी भाषा को लेकर प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय ज्ञापन देने पहुंचे छात्र

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हिंदी भाषा के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर मंगलवार को छात्रों का हुजूम वाराणसी में रवींद्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय पर आवेदन देने पहुंचा।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 02:57 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 05:10 PM (IST)
BHU कुलपति के खिलाफ हिंदी भाषा को लेकर प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय ज्ञापन देने पहुंचे छात्र
BHU कुलपति के खिलाफ हिंदी भाषा को लेकर प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय ज्ञापन देने पहुंचे छात्र

वाराणसी, जेएनएन। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हिंदी भाषा के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर मंगलवार को छात्रों का हुजूम वाराणसी में रवींद्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय पर आवेदन देने पहुंचा। विदित हो कि एक महीने से विश्वविद्यालय में हिंदी भाषा को लेकर आंदोलन चल रहा है जिसमें छात्रनेता मृत्युंजय तिवारी आजाद द्वारा कुलसचिव को आवेदन दिया गया था। इसके बाद विशाल पदयात्रा भी निकाला गया था और विश्वविद्यालय में आयोजित पुरातन छात्र सम्मेलन में कुलपति के सामने नारेबाजी करके विरोध जताया गया था। पूरे विश्वविद्यालय में इस बात को लेकर काफी आक्रोश है कि वर्तमान कुलपति द्वारा संस्थान विशेष जेएनयू के लोगों को प्रयोजन तरीके से नियुक्त करके विश्वविद्यालय को अर्बन नक्सल तरगढ़ बनाने की कोशिश की जा रही है।

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कहा कि हिंदी भाषा व्यक्तियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है जो राजभाषा का अपमान है। इसी क्रम में छात्रों ने प्रधानमंत्री से निवेदन किया है कि इस मामले की जांच करते हुए कुलपति को बर्खास्त करके करवाई किया जाए जिससे राजभाषा का अपमान करने वाले आगे से ऐसा नहीं करें। यह लोग अंग्रेजी की परंपरा को बढ़ावा दे रहे हैं और भारतवर्ष की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ शहर भर में पोस्टर भी चिपकाया गया था। कहा कि उसमें बताया गया था कि कुलपति महोदय हिंदी विरोधी हैं और बनारस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है इसलिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र अपने प्रधानमंत्री से गुहार लगाने पहुंचे हैं।

विश्वविद्यालय में हो रहे इस तरह के अत्याचार को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए और काशी हिंदू विश्वविद्यालय को अर्बन नक्सल का गॉड बनने से रोका जाए। प्रधानमंत्री कल्याण कार्यालय पर छात्रों के द्वारा ज्ञापन देने पर पुलिस ने उन्हें रोका और काफी नोकझोंक भी किया। हालांकि छात्रों के कहने पर क्यों केवल आवेदन देने आए हैं और अपने प्रधानमंत्री को आवेदन देना उनका अधिकार है तब उनका आवेदन स्वीकार किया गया। प्रधानमंत्री को ज्ञापन देने वालों में अभिषेक सिंह, उत्कर्ष द्विवेदी, दुष्यंत चंद्रवंशी, मृत्युंजय तिवारी, आजाद, विवेक, अवनींद्र आदि शामिल रहे।


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