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सारनाथ में अध्ययन कर रहे लद्दाख के छात्र बोले- प्रधानमंत्री चीन को ऐसा सबक सिखाएं कि सोचने से घबराए

गलवन घाटी में खूनी झड़प के बाद भारत के 20 जवानों के शहीद होने का हर तरफ तीखा विरोध हो रहा है। सारनाथ में अध्ययन कर रहे लद्दाख के छात्र चीन की हरकत को धोखेबाजी मानते हैैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 10:25 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 10:25 AM (IST)
सारनाथ में अध्ययन कर रहे लद्दाख के छात्र बोले- प्रधानमंत्री चीन को ऐसा सबक सिखाएं कि सोचने से घबराए
सारनाथ में अध्ययन कर रहे लद्दाख के छात्र बोले- प्रधानमंत्री चीन को ऐसा सबक सिखाएं कि सोचने से घबराए

वाराणसी, जेएनएन। पूर्वी लद्दाख की गलवन घाटी में चीन की सेना के साथ खूनी झड़प के बाद भारत के 20 जवानों के शहीद होने का हर तरफ तीखा विरोध हो रहा है। इस क्रम में लद्दाख निवासी छात्र जो सारनाथ में  अध्ययन कर रहे वे चीन की हरकत को धोखेबाजी मानते हैैं। चीन के कृत्य को लेकर उनमें गुस्सा भी है। उनका कहना है कि भारत को इस बार चीन को ऐसा सबक सिखा देना चाहिए ताकि आगे  वह ऐसी हरकत करने की सोच ही न सके।

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चीन जिस जमीन के लिए सैन्य शक्ति दिखा रहा वह भारत की संपत्ति

हिमाचल प्रदेश (चंबा) के बिट्टू का कहना है कि चीन के इस नापाक हरकत से हम भी गुस्से में हैं। सभी को एकजुट होकर चीन के सामानों का बहिष्कार करना होगा जिससे उसकी आर्थिक स्थिति पूरी तरह बिगड़ जाए। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन को सबक सिखाएं। वैसे भी चीन से ही कोरोना भी विश्व में फैला है तो इसका न्याय भी बाकी है।  हिमाचल प्रदेश के लाहुल स्पीति जिले के विक्रम सिंह शास्त्री शास्त्री तीसरे वर्ष के छात्र हैं। उन्होंने कहा कि चीन के हरकत को देखते हुए लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों के गांवों वालों को सतर्क कर दिया गया है। चीन के फाइटर प्लेन लाहुल क्षेत्र में देखे गए थे। चीन जिस जमीन के लिए सैन्य शक्ति दिखा रहा है वह भारत की संपत्ति है।

स्थानीय व्यक्ति के नाम पर गलवन का नाम पड़ा

लद्दाख नुबरा के रिनचेन्न दोरजे वज्र का कहना है कि स्थानीय एक व्यक्ति के नाम पर गलवन का नाम पड़ा है। यह भारत की संपत्ति है । सातानटेनजिंग तोनियो लद्दाख नोबुरा के छात्र का कहना है कि लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में रहने वालों की समस्या बढ़ गई है।

दूरसंचार की लाइनें एक माह से बंद

छात्र ने बताया कि वे आशंकित रहते हैैं कि चीन कभी अचानक हमला कर सकता है। वहां रह रहे परिवारों को लेकर काफी चिंता बनी हुई है। क्योंकि दूरसंचार की लाइनें एक माह से बंद हैं। ऐसे में परिजनों से बात भी नहीं हो पा रही है। लद्दाख दोरुबु के शोध छात्र कुंचुक दोरुबू का कहना है कि चीन के सामानों का बहिष्कार जरूरी है। सभी भारतवासियों को सेना का सहयोग करना चाहिए। परिवार वालों से बातचीत न होने से चिंता बनी हुई है।


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