मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से ऑनलाइन पठन-पाठन के लिए छात्रों को किया जा रहा प्रेरित
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग व मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से ऑनलाइन पठन-पाठन को प्रेरित किया जा रहा है।
वाराणसी [अजय कृष्ण श्रीवास्तव]। कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव को लॉकडाउन जरूरी है किंतु इस अवधि में विद्यार्थियों के अध्ययन-अध्यापन की चिंता भी लाजमी है। इसी क्रम में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग व मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) की ओर से ऑनलाइन पठन-पाठन को प्रेरित किया जा रहा है। बावजूद घरों में बैठे-बैठे तमाम विद्यार्थियों पर लॉकडाउन का प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। छात्रों को इन कारणों से मनोदैहिक विकार की समस्याएं न हों, इसे लेेकर एमएचआरडी की नजर है। इसी को ध्यान में रखते हुए शैक्षिक संस्थानों की वेबसाइट पर ई-कंटेंट अपलोड करने का निर्देश है। इतना ही नहीं लॉकडाउन की अवधि में छात्रों को नियमित रूप से परामर्श देने के साथ ही शांत और तनाव मुक्त रखने के लिए काउंसिलिंग को भी कहा गया है। साथ ही यूजीसी ने आवश्यकता अनुसार विश्वविद्यालयों को मानसिक स्वास्थ्य के लिए हेल्पलाइन जारी करने का भी सुझाव दिया है।
यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन की ओर से विश्वविद्यालयों को जारी परिपत्र में कोविड-19 के प्रकोप से बचने के साथ-साथ छात्र समुदाय के स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने का निर्देश है। छात्रों की मनोवैज्ञानिक चिंताओं के लिए काउंसलर की व्यवस्था करने, संकाय सदस्यों द्वारा नियमित रूप से निगरानी व प्रबंधन करने की बात कही गई है। यूजीसी ने विद्यार्थियों से मोबाइल फोन, ई-मेल, डिजिटल और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम विद्यार्थियों से संपर्क बनाए रखने का सुझाव दिया है। निरंतर संवाद पर भी बल दिया गया है।
तनाव से मुक्ति दिलाएगी विशेषज्ञों की टीम
यूजीसी के निर्देश पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने इस दिशा में पहल भी शुरू कर दी है। कुलपति प्रो. टीएन सिंह ने बताया कि विद्यार्थियों को तनाव मुक्त रखने को यूजीसी नोडल ऑफिसर प्रो. निरंजन सहाय, छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष डॉ. बंशीधर पाण्डेय, राष्ट्रीय सेवा योजना समन्वयक डॉ. केके सिंह समेत डॉ. पारिजात सौरभ, डॉ. कामिनी वर्मा, डॉ. आरजू सिंह आदि अध्यापक/अध्यापिकाओं की अगुवाई में टीम गठित कर दी गई है। टीम छात्रों से नियमित मोबाइल फोन, वाट्सएप के माध्यम से संपर्क बनाए हुए हैं। छात्रों का तनाव दूर करने की दिशा में प्रयास हो रहा है। साथ ही काउंसिलिंग भी की जा रही है।