महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ व संपूर्णानंद संस्कृत विवि में छात्रावास के लिए हंगामा Varanasi news
छात्रावास आवंटन की मांग को लेकर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ व संपूर्णानंद संस्कृत विवि के छात्रों ने बुधवार को जमकर हंगामा किया।
वाराणसी, जेएनएन। छात्रावास आवंटन की मांग को लेकर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ व संपूर्णानंद संस्कृत विवि के छात्रों ने बुधवार को जमकर हंगामा किया। विद्यापीठ के छात्र पंत प्रशासनिक भवन के चैनल गेट के पास और संस्कृत विवि के छात्र केंद्रीय कार्यालय के गेट पर घंटों धरने पर रहे। इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अध्यापकों ने छात्रों को समझा-बुझाकर शांत कराया। दोनों विश्वविद्यालयों में छात्रावास आवंटन की प्रक्रिया जारी है। विद्यापीठ में छात्रावास आवंटन 16 से 24 सितंबर के बीच होना है। छात्रावास के लिए आवेदन करने वाले छात्रों को सूचना दी जा चुकी है।
इसके बावजूद छात्रों ने प्रशासनिक भवन के चैनल गेट पर धरना दिया। इस दौरान कार्यालय में जाने को लेकर निजी महाविद्यालय के प्रतिनिधि से छात्रों की झड़प हो गई। छात्रों ने उन्हें मारने के लिए कार्यालय में दौड़ा लिया। प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों के बीच-बचाव के बाद छात्र शांत हुए । इस बीच सूचना मिलने पर पुलिस भी पहुंच गई। सिगरा पुलिस ने छात्रों को डांट-डपट कर धरना समाप्त कराया। छात्रों का कहना है कि छात्रावास के लिए आवेदन जमा किए करीब 40 दिन हो गए। आवंटित छात्रों की सूची भी जारी कर दी गई है। इसके बावजूद छात्रावास का ताला नहीं खोला जा रहा। वहीं दूसरी ओर छात्रों को किराए पर कोई कमरा देने को तैयार नहीं है।
रहने की व्यवस्था न होने के कारण तमाम छात्र घर चले गए हैं। हॉस्टल खोलने के लिए छात्रों ने कुलपति कार्यालय को ज्ञापन भी सौंपा है। इसमें छात्रावास का ताला न खोलने पर व्यापक आंदोलन की चेतावनी दी गई है। धरना- प्रदर्शन में मुख्य रूप से छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष रंजीत तिवारी, जगदम्बा मिश्र, अभिषेक दुबे, विरेंद्र भारती, आशीष कुमार सहित अन्य लोग शामिल थे।
आमने-सामने बिछी दरी : संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्रों ने जहां छात्रावास के लिए केंद्रीय कार्यालय के समक्ष धरना दिया। वहीं संस्कृत संरक्षण मंच के लोग कार्यालय के सामने वटवृक्ष के नीचे धरने पर बैठे रहे। मंच के सदस्य संस्कृत महाविद्यालयों में आयोग के माध्यम से अध्यापकों की नियुक्तियों का विरोध कर रहे हैं। इस दौरान हुई सभा में वक्ताओं ने प्रदेश सरकार पर संस्कृत विद्यालयों को बंद करने का कुचक्र रचने का आरोप लगाया। अध्यक्षता विजय शंकर पांडेय, संचालन प्रदीप पांडेय व धन्यवाद ज्ञापन डा. साकेत शुक्ल ने किया।