गुरु बन बच्चों ने बड़ों को दिखाई उजियारे की राह, स्कूल जहां बच्चे ही बन जाते हैं शिक्षक
पटेहरा ब्लाक स्थित पथरौर पूर्व माध्यमिक विद्यालय के बच्चों ने अपने ही नये विचार से एक ऐसी शुरूआत की है जिसकी लोग तारीफ करते नहीं थकते।
मीरजापुर [सतीश रघुवंशी]। कभी-कभी हंसते, खेलते बच्चे जो नया विचार, नए आइडिया सामने लाते हैं, वह मील का पत्थर साबित होता है। जनपद के पटेहरा ब्लाक स्थित पथरौर पूर्व माध्यमिक विद्यालय के बच्चों ने अपने ही नये विचार से एक ऐसी शुरूआत की है, जिसकी लोग तारीफ करते नहीं थकते। उनका यह अभिनव प्रयोग शिक्षा जगत के लिए सीख देता है क्योंकि वे भारी-भरकम शिक्षा खर्च से परे शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। इससे बच्चे स्वयं तो मजबूत बन ही रहे हैं और बच्चों को भी बेहतर शिक्षा मिल रही है।
पटेहरा विकास खंड क्षेत्र के प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की बेहद कमी है। इसके वजह से क्लास में बच्चे पढ़ाई की जगह लड़ाई-झगड़ा करते हैं या फिर पढ़ाई का पूरा समय खेलने में ही गुुजार देते हैं और बिना पढ़े ही घर वापस चले जाते हैं। यही हाल पटेहरा के पथरौर स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय का भी रहा जहां बच्चे पढ़ाई कम और मस्ती ज्यादा करते थे। लेकिन अब स्कूल के पठन-पाठन का नजारा बदल गया है। यहीं के कुछ छात्रों ने नई पहल की और गोल बनाकर बच्चों को खुद ही पढ़ाना शुरू कर दिया। फिर इसमें कुछ और सुधार किया गया और तेज-तर्रार बच्चों की अलग टोली बनाई गई। अब सभी बच्चों को गिनती-पहाड़ा से लेकर कविता पाठ तक याद कराने की जिम्मेदारी इन तेज-तर्रार बच्चों की है। इस नई शुरूआत ने स्कूली बच्चों में एक नई ऊर्जा भर दी और उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। नतीजा यह निकला कि बिना अध्यापक ही स्कूल की शिक्षा व्यवस्था पटरी पर आने लगी। स्थानीय लोग भी बच्चों की इस पहल से प्रभावित होकर उन्हें उत्साहित करते हैं।
बदला स्कूल का माहौल : विद्यालय की छात्रा प्रगति मिश्रा ने बताया कि इसी प्रकार प्रतिदिन खाली समय में बच्चे ही गुरु बनकर शिक्षा दे रहे हैं। इससे बच्चों के बीच ही प्रतिस्पर्धा का माहौल बना और अब रोजाना पढ़ाने के लिए बच्चों की कतार लग जाती है। बच्चे घर पर तैयारी करके स्कूल पहुंचते हैं ताकि पढ़ाने की जिम्मेदारी टीम में उन्हें भी शामिल किया जा सके।
शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूल : पटेहरा ब्लाक में अध्यापकों की बेहद कमी है जिसकी वजह से पढ़ाई अधर में लटक जाती है। अभिभावकों ने बताया कि एक अध्यापक की मांग पिछले वर्ष से की जा रही है लेकिन अभी तक शिक्षक मुहैया नहीं हो पा रहे हैं। स्थानीय ग्राम प्रधानों द्वारा भी शिक्षकों की मांग की जाती है लेकिन प्रशासन इसे कभी गंभीरता से नहीं लेता।
कुल विद्यालय |
187 |
प्राथमिक स्कूल | 123 |
पूर्व माध्यमिक | 064 |
कुल अध्यापक | 335 |
कुल शिक्षामित्र | 175 |
कुल अनुदेशक | 037 |
छात्रों की संख्या | 23 हजार |
बोले अधिकारी : कई विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है जिसे पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके साथ ही अध्यापकों व शिक्षा मित्रों की शत-प्रतिशत उपस्थिति पर भी जोर दिया जा रहा है। - राम मिलन यादव, खंड शिक्षा अधिकारी, पटेहरा मीरजापुर।