Bhadohi के कारखानों में 250 करोड़ के कालीन बनाने की जद्दोजहद, ढाई माह तक ठप रहा उत्पादन
भदोही में लंबे समय से ठप कालीन और दरी का उत्पादन कार्य पटरी पर आता दिख रहा। निर्यातक करीब 250 करोड़ के पुराने आर्डर को पूरा करने में जुटे हैं।
भदोही, जेएनएन। लंबे समय से ठप कालीन और दरी का उत्पादन कार्य पटरी पर आता दिख रहा। निर्यातक करीब 250 करोड़ के पुराने आर्डर को पूरा करने में जुटे हैं। कुछ निर्यातकों को नए आर्डर भी मिले हैं। 80 फीसद बिहार के बुनकरों की वापसी से काम रफ्तार पकड़ चुका है। दिसंबर तक पुराने आर्डर के माल निर्यात करने की कोशिश चल रही है। बता दें कि बीते 25 मार्च से लॉकडाउन लगने के बाद कामकाज ठप हो गया। निर्यातकों को करोडों की चपत लगी। बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड व उड़ीसा के 90 फीसद बुनकर पलायन कर गए थे। अब बुनकरों की वापसी होने लगी है। बिहार के बुनकर लौट आए जबकि उड़ासा व पश्चिम बंगाल के बुनकर ट्रेन परिचालन शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।
भदोही मेें कालीन बनाते हैं प्रदेश के 85 हजार बुनकर
भदोही में 12 हजार छोट-बड़े कालीन कारखाने हैं। चार प्रांतों के 80 से 85 हजार बुनकर काम करते हैं। कालीन के अलावा दरी, हैंडलूम व टफ्टेड कारपेट तैयार होते हैं। कई निर्यातक अपनी कंपनी के अंदर ही बुनाई केंद्र संचालित करते हैं। कई निर्यातकों द्वारा गांवों में स्थापित कारखानों मेें आर्डर देकर काम कराया जाता रहा है। बुनाई अधिकतर बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड व उड़ीसा के बुनकर ही करते हैं।
बुनाई केंद्रों पर 90 फीसद बुनकर वापस लौट आए हैं
बुनकरों की वापसी के बाद उत्पादन शुरू हो गया है। उनके बुनाई केंद्रों पर 90 फीसद बुनकर वापस लौट आए हैं। ढाई माह में माल डिलेवर कर दिया जाएगा। कालीन व्यवसाय पटरी पर आ रहा है। पुराने आर्डर के काफी माल उन्होंने भेज दिए हैं जबकि एक दो आयातकों ने अभी रोक रखा है।
- संजय गुप्ता, वरिष्ठ निर्यातक