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प्रशासन की सख्ती ; दूध निकालकर पशुओं को छोड़ा तो जाएंगे जेल, पशु क्रूरता अधिनियम के तहत संबंधित पर दर्ज होगी रिपोर्ट

दूध निकालने के बाद अब गोवंश को छोडऩे वालों की खैर नहीं है। पशु मालिक के पशु सड़क पर दिखते हैं तो उनके खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 10:07 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 08:10 AM (IST)
प्रशासन की सख्ती ; दूध निकालकर पशुओं को छोड़ा तो जाएंगे जेल, पशु क्रूरता अधिनियम के तहत संबंधित पर दर्ज होगी रिपोर्ट
प्रशासन की सख्ती ; दूध निकालकर पशुओं को छोड़ा तो जाएंगे जेल, पशु क्रूरता अधिनियम के तहत संबंधित पर दर्ज होगी रिपोर्ट

आजमगढ़, जेएनएन। तरवां के रासेपुर में बेसहारा पशुओं को लेकर किसानों द्वारा किए गए प्रदर्शन को जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने गंभीरता से लिया है। दूध निकालने के बाद अब गोवंश को छोडऩे वालों की खैर नहीं है। अगर पशु मालिक के पशु सड़क पर दिखते हैं तो उनके खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इसमें छह महीने तक की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माना का प्रावधान है। इस तरह के लोगों को चिह्नित करने के लिए मुख्य विकास अधिकारी आनंद कुमार शुक्ला ने सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया है।

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जनपद में बेसहारा पशु फसलों को तबाह कर रहे हैं। सड़क हादसों की वजह भी बन रहे हैं। इससे निबटने के लिए शासन-प्रशासन कई वर्षों से जूझ रहा है लेकिन इस पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। प्रशासन गांवों में अस्थाई गोवंश स्थल बनवाने के साथ पशुपालकों पर सख्ती भी कर रहा है। बेसहारा जानवरों को इन आश्रय स्थलों पर रखा जा रहा है। पशुपालकों को जानवर न छोडऩे के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। गांव-गांव प्रधानों की अगुवाई में कमेटियां भी बनाई गई हैं। इसके बाद भी पशुपालक अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। इसकी वजह से आए दिन किसानों की फसलें जहां बर्बाद हो रही हैं वहीं आम आदमी भी पूरी तरह से परेशान है। तरवां के रासेपुर के लोगों ने रविवार को बेसहारा पशुओं को लेकर प्रदर्शन भी किया था। जिलाधिकारी ने इसे गंभीरता से लिया है और हर हाल में इस तरह के लोगों की सूची बनाने का निर्देश सीडीओ को दिया है। यही नहीं गांवों में घूमने वाले छुट्टा पशुओं की गिनती की जा रही है। ऐसे पशु मालिकों को चिह्नित किया जा रहा है। प्रधान भी मुनादी करा रहे हैं। पशुपालकों को सख्त चेतावनी दी जा रही है कि यदि गाय व अन्य गोवंश का दूध निकलाने के बाद सड़क पर छोड़ा और उसकी पहचान हो गई तो पशु क्रूरता अधिनयिम के तहत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। दोष सिद्ध हो गया तो छह महीने की सजा व 50 हजार रुपये जुर्माना देना होगा।

बोले अधिकारी : पशुओं को सड़क पर छोडऩे की आदत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसमें जो भी पशु मालिक दोषी पाया जाएगा उसके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराकर जेल भेजा जाएगा। पशुओं का संरक्षण करना सभी का दायित्व है।

-आनंद कुमार शुक्ला, मुख्य विकास अधिकारी।


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