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वाराणसी के 171 गांव में बाढ़ से राहत के लिए बनी रणनीति, एसडीएम व तहसीलदार को दी गई जिम्मेदारी

वाराणसी के 171 गांव बाढ़ क्षेत्र के रूप में पहले से ही चिह्नित हैं। इन सभी के लिए प्रशासन ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। प्रशासन ने राहत और बचाव के लिए रणनीति बनाई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 12:37 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 01:50 PM (IST)
वाराणसी के 171 गांव में बाढ़ से राहत के लिए बनी रणनीति, एसडीएम व तहसीलदार को दी गई जिम्मेदारी
वाराणसी के 171 गांव में बाढ़ से राहत के लिए बनी रणनीति, एसडीएम व तहसीलदार को दी गई जिम्मेदारी

वाराणसी, जेएनएन। जिले में गंगा अपने आसपास के बड़े इलाके को प्रतिवर्ष बाढ़ से प्रभावित करती हैं। कुछ इलाके गंगा के पलट प्रवाह से वरुणा के जलस्तर में वृद्धि होने पर उसकी चपेट में भी आते हैं। जिले के 171 गांव बाढ़ क्षेत्र के रूप में पहले से ही चिह्नित हैं। इन सभी के लिए प्रशासन ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। प्रशासन ने राहत और बचाव के लिए रणनीति बनाई है। बाढ़ पूर्व तैयारियों के लिए एसडीएम और तहसीलदार को जिम्मेदारी दी गई है। सभी को कहा गया है कि वे बाढ़ क्षेत्र में आने वाले पुल-पुलिया, सड़क आदि के संबंध में पहले से पता लगा लें। कहीं सड़कें, पुल-पुलिया आदि क्षतिग्रस्त हों तो अविलंब उनकी मरम्मत करा ली जाए। इसके लिए सदर तहसीलदार लेखपालों के माध्यम से सूचना जुटा रहे हैं।

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भोजन सप्लाई करने के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को निर्देश

बाढ़ वाले इलाके में जहां शिविर लगते हैं, उन स्थलों पर बिजली, पानी, शौचालय, पंखा और बल्ब, सामुदायिक रसोईघर आदि की जांच कर ली जाए। इसके लिए शिविर प्रभारी को जिम्मेदारी दी गई है। बाढ़ के दौरान लोगों को प्रभावित क्षेत्र से निकालने और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए नावों व नाविक और गोताखोरों की जरूरत पड़ती है। ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनसे पहले से ही संपर्क कर नंबर ले लिए जाएं। इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग को ओआरएस पैकेट, क्लोरीन, सर्पदंश व कुत्ता वैक्सीन, एंबुलेंस आदि की व्यवस्था करने को कहा गया है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को कहा गया है कि वे भोजन सप्लाई करने के लिए पूरी तैयारी कर लें। एनडीआरआफ से संपर्क कर उनके साथ कार्ययोजना बनाई जा रही है।

राहत शिविरों में रुककर तैयारियों को दें अंतिम रूप

सभी के साथ इस बात का ध्यान रखना है कि कोरोना संक्रमण के दौरान किस प्रकार का ध्यान रखा जाना है। इन कार्यों की निगरानी रखने के लिए लेखपालों को पूरी जिम्मेदारी दी गई है। वे इन गांवों और राहत शिविरों में रुककर तैयारियों को अंतिम रूप दे दें। संभावित बाढ़ की दृष्टि से सभी कुछ अभी से तय और तैयार करने का लक्ष्य है।

चिह्नित गांव और राहत शिविर

  • 124- गंगा से प्रभावित गांव
  • 35-  वरुणा नदी से प्रभावित गांव
  • 12-  गोमती से प्रभावित होने वाले गांव
  • 27-  सदर तहसील में राहत शिविर
  • 4-    राजातालाब में राहत शिविर
  • 27-  कुल बाढ़ चौकियां।

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