मीरजापुर मंडलीय अस्पताल से चोरी हुआ बच्चा बरामद, दूसरे दिन बच्चा नाटकीय ढंग से पहुंचा कोतवाली
मीरजापुर जिले में मंडलीय अस्पताल से चोरी हुआ बच्चा अगले दिन बरामद हो गया। उस बच्चे को दूसरे दिन नाटकीय ढंग से एक अन्य महिला कोतवाली पहुंचा गई। वहीं पुलिस इस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।
मीरजापुर, जागरण संवाददाता। मां विंध्यवासिनी का मीरजापुर में दर्शन करने विंध्याचल जा रही थी महिला के अनुसार उसको चौराहे पर बच्चा मिला है। आसपास के लोगों से पूछा, लेकिन कोई नहीं पहचान नहीं बता सका तो महिला उठा लाई और उसको कोतवाली पुलिस को सौंप दिया।
मंडलीय चिकित्सालय से गुरुवार को चोरी हुआ 10 माह का बच्चा आर्यन शुक्रवार को आखिरकार बरामद हो गया। वासलीगंज के शेर खां की गली निवासी कमली देवी पत्नी नन्हे सोनकर खुद बच्चे को लेकर शुक्रवार की सुबह शहर कोतवाली पहुंच गई। महिला ने बताया कि वह विंध्याचल में मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने जा रही थी। उसी समय विंध्याचल चौराहे पर उसे एक बच्चा रोता दिखाई दिया। महिला ने आसपास के लोगों को बच्चे के बारे में बताया, लेकिन हर किसी ने उनका बच्चा नहीं होना बताया, फिर महिला बच्चे को वहां से उठा ले आई।
शहर कोतवाल अरविंद मिश्रा ने बताया कि सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में जो महिला बच्चे को लेकर जाते दिखाई दे रही है, वह महिला यह नहीं है। यह बुजुर्ग महिला है। जबकि जो बच्चे को ले जा रही है, उसकी उम्र कुछ कम दिखाई दे रही है। फिलहाल मामले की छानबीन की जा रही है। किसने बच्चा चोरी किया था और इस महिला के पास कैसे आया, जल्द पता लगाया जाएगा। जांच में जो भी तथ्य आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
लालगंज के बामी गांव निवासी विजय शंकर की पत्नी कंचन अपनी चचेरी सास प्रभावती के साथ बीमार बच्चे आर्यन का इलाज कराने गुरुवार को मंडलीय चिकित्सालय आई थी। वह बच्चे को बाल रोग विशेषज्ञ कक्ष के बगल में लिटाकर दवा लेने चली गई थी। इसी दौरान कोई महिला बच्चे को चुरा ले गई थी। मामले की जानकारी होने पर पुलिस ने घेराबंदी कर बच्चे को बरामद करने के लिए चेकिंग शुरू की तो दूसरे दिन एक महिला खुद बच्चे को लेकर शहर कोतवाली पहुंच गई। पुलिस ने बच्चे के पिता को सूचना दे दी है। उनके आने के बाद बच्चा उन्हें सौंप दिया जाएगा।