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पशुतस्करी मामले में थानाप्रभारी हुए लाइनहाजिर, पुलिसकर्मियों की जांच शुरू

मुख्यमंत्री द्वारा अवैध वसूली पर सख्त अंकुश लगाए जाने का फरमान जारी करने के बावजूद प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में थानों की अवैध वसूली रुकने का नाम नही ले रहा।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 12:01 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 12:10 PM (IST)
पशुतस्करी मामले में थानाप्रभारी हुए लाइनहाजिर, पुलिसकर्मियों की जांच शुरू
पशुतस्करी मामले में थानाप्रभारी हुए लाइनहाजिर, पुलिसकर्मियों की जांच शुरू

वाराणसी (मिर्जामुराद) । मुख्यमंत्री द्वारा अवैध वसूली पर सख्त अंकुश लगाए जाने का फरमान जारी करने के बावजूद प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में थानों की अवैध वसूली रुकने का नाम नही ले रहा। आखिर वसूली रुके भी कैसे जब थानों के 'कारखास' का तिलिस्म टूटा ही नही।'बड़े साहब' की आमदनी को बढ़ा अपने पद को बनाए रखने हेतु हाइवे से लगायत जिले के विभिन्न थानों पर तैनात इन कारखासो की 'खासियत' अपने आप महकमा में चर्चा का विषय बनी रहती है।बेलगाम हुए वसूली करने वाले सरकार के भस्ट्राचार मुक्त समाज के दावे का हवा निकाल छवि धूमिल कर रहे है।

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पशुतस्करो से सेटिंग के बाबत वायरल हुए आडियो में बुधवार की रात एसएसपी आनन्द कुलकर्णी ने मिर्जामुराद थाना प्रभारी विश्वजीत प्रताप सिंह को लाइनहाजिर करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच बैठा दी है।सीओ कैंट डा.अनिल कुमार मामले की जांच कर रहे है, जल्द ही अन्य पुलिसकर्मियों पर गाज गिरेगी।एसएसपी के कारवाई से हाइवे पर पशुतस्करी में लिप्त कर्मियों में हड़कंप मचा है।

कारखास का मतलब

यह शख्स भी थाना पर तैनात पुलिसकर्मियों जैसा ही रहता है। बस यह सिपाही थानेदार का खास बन कारखास हो जाता है। ऐसा नही है कि इस खास सिपाही की अलग से कोई पोस्टिंग हो या थाना व चौकी में इसके लिए कोई पद होता है। हां बस इतना जरूर रहता है कि इस सिपाही की संतरी ड्यूटी नही लगती। अक्सर इस सिपाही की रवानगी रात्रि गश्त या थानेदार के हमराही में ही रहती है। पशुतस्करी, डग्गामार वाहन, पेड़ कटाई, अवैध खनन, खुफिया गांजा-शराब, कबाड़ी व कोयले की अवैध दुकान से लगायत हर अवैध धंधे का लेखा-जोखा इनके पास रहता है। थानेदार के सामने कारखास बनने वाले 'एक्जाई' की बोली लगा यह पद प्राप्त करते है। थानेदार के हाथ देने पर भले बस न रुके, पर कारखास के हाथ देने पर क्या मजाल जो बस न रुके। अब थानों में एक नही बल्कि दो-तीन 'कारखास' बनाए जा रहे है, जो अलग-अलग विभागों का हिसाब रखते है।

पूर्व एसएसपी ने तोड़ा था कारखासों का तिलिस्म

वाराणसी में एसएसपी रहे नितिन तिवारी को इन कारखासो के तिलिस्म की जानकारी होने पर उन्होंने खुफिया जांच करा जिले के सभी थाना व चौकी से अवैध वसूली करने वालो कारखास सिपाहियों को 'लाइन' का रास्ता दिखा दिया था।थानों पर कोई सिपाही 'कारखास' बनने की हिम्मत नही जुटा पा रहा था।कारखास बनने की प्रकिया और अवैध वसूली पर अंकुश लग गई थी।

हाइवे पर पशुतस्करी की होती है 'इंट्री'

हाइवे पर पशुतस्करी के धंधे हेतु बकायदा ट्रको की 'इंट्री' होती है।दलालो के माध्यम से रुपया लेकर इंट्री के बाद ट्रक थाना चौकियों पर कारखास को मैसेज कर दिया जाता।कछवांरोड से पकड़े गए दोनो मवेशी लदे ट्रको के मामले में इंट्री का ही विवाद रहा।

हाइवे किनारे बस्ती में बना है पशुतस्करी का अड्डा

सूबे के मुखिया द्वारा पशुतस्करी पर रोक लगाने का फरमान जारी किए जाने के बावजूद हाइवे पर पशुतस्करी का धंधा खूब फल-फूल रहा है।इतना ही नही पुलिस की नाक के नीचे भी यह अड्डा धड़ल्ले से चल रहा है।ग्रामीण शिकायत भी करते है मगर 'सेटिंग' का खेल होने के कारण पशुतस्करो का कुछ नही होता।हालांकि ग्रामीणों की शिकायत पर चार माह पूर्व  पुलिस ने इस बस्ती से मात्र एक ट्रक मवेशी पकड़ा था, पर पशुतस्कर भाग निकले थे। सूत्रों के मुताबिक राजनीतिक सफेदपोश लोगो के संरक्षण में चल रहे तस्करी के धंधेबाजों का बकायदा सेटिंग है।

बताते है कि मिर्जामुराद थाना के खजुरी पुलिस चौकी के निकट खजुरी चट्टी (साधुकुटिया) के पास हाइवे किनारे स्थित एक बस्ती से काफी समय से पशुतस्करी का धंधा चल रहा है।तस्करों द्वारा रात्रि में यहां ट्रक पर मवेशियों को लाद बाहर भेजा जाता है।पुलिस द्वारा इन तस्करों पर कारवाई न करने का नतीजा है कि क्षेत्र के पशुपालको की आए दिन भैस-गाय चोरी हो रही है।तस्करों द्वारा जेब गर्म करने के कारण पुलिस आंखे मूंदे पड़ी है।सूत्र बताते है कि एक ट्रक पशु लादने के एवज में तस्करों द्वारा थाना पर तीन हजार, चौकी पर पन्द्रह सौ व यूपी 100 के सिपाहियों को पांच सौ रुपया दिया जाता है।

पशुतस्करो को ही सिपुर्दगी में दिए गए थे मवेशी

कछवांरोड से शनिवार की रात पकड़े गए दोनो ट्रक के 61 मवेशियों को भी खजुरी पुलिस चौकी के निकट स्थित इन्ही पशुतस्करो को सिपुर्दगी में दिया गया था। 'वायरल' हुए आडियो में भी खजुरी के एक तस्कर का नाम लिया जा रहा है।

'लाइनहाजिर' का सिलसिला है जारी

मिर्जामुराद थाना पर लाइनहाजिर होने का सिलसिला जारी है।इससे पूर्व थानाध्यक्ष रहे अवनीश राय नाबालिग को हथकड़ी लगा सात दिन तक थाना में रखने के मामले में लाइनहाजिर हुए थे।हथकड़ी वाला फोटो वायरल हुआ था।इसके बाद अब 'कारखास' द्वारा पशुतस्कर से मोलभाव का ऑडियो वायरल होने पर थाना प्रभारी विश्वजीत प्रताप सिंह को लाइनहाजिर होना पड़ा।


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