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वाराणसी में विकास कार्य का हाल : मियाद नहीं रही याद, कछुआ चाल कर रही बेहाल

वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से री-डेवलपमेंट वार्ड आफ ओल्ड काशी परियोजना के तहत छह वार्डों में नए सिरे से मूलभूत सुविधाएं विकसित कर उन्हें स्मार्ट बनाया जा रहा है। सिंतबर 2021 तक पूरा कर लेना है लेकिन कछुए की चाल से काम पूरा होना संभव नहीं दिख रहा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 09:10 AM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 11:46 AM (IST)
वाराणसी में विकास कार्य का हाल : मियाद नहीं रही याद, कछुआ चाल कर रही बेहाल
वाराणसी में धीमी गति से विकास कार्य के कारण स्थानीय लोगों को परेशानियां हो रही हैं।

वाराणसी, जेएनएन। बनारस मंदिरों, धार्मिक परंपराओं, घाटों के अलावा गलियों के लिए भी जाना जाता है। शहर की आत्मा यहां की गलियों मेें निवास करती है। इसलिए इसे गलियों का शहर भी कहते हैं। वर्तमान में यह गलियां काफी पुरानी होने के साथ ही साथ उनमें सड़क, सीवरेज और पेयजल व्यवस्था काफी जीर्णशीर्ण अवस्था में है। इसे ध्यान में रखते हुए वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से री-डेवलपमेंट वार्ड आफ ओल्ड काशी परियोजना के तहत छह वार्डों में नए सिरे से मूलभूत सुविधाएं विकसित कर उन्हें स्मार्ट बनाया जा रहा है। इसे सिंतबर 2021 तक पूरा कर लेना है, लेकिन कछुए जैसी चाल से कार्य का तय मियाद में पूरा होना चुनौती से कम नहीं। खास यह कि विकास कार्य की समीक्षा बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ को जुलाई 2021 में ही कार्य पूर्ण कर लेने का भरोसा दे दिया गया है। धीमी गति से विकास कार्य के कारण स्थानीय लोगों को परेशानियां हो रही हैं। कार्यदायी कंपनी ने गलियों को खोद कर लंबे समय से छोड़ दिया है। वार्ड नंबर 85 के नायाब बाजार में पत्थर बिछा दिया गया है, लेकिन चैंबर खुला हुआ है। इससे आवागमन में परेशानी हो रही है।

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इन वार्डों में हो रहा विकास कार्य

-राज मंदिर वार्ड लागत-13.53 करोड़

-काशी काल भैरव वार्ड लागत-16.24 करोड़

-कामेश्वर महादेव वार्ड लागत-17.09 करोड़

-जंगमबाड़ी वार्ड लागत-12.65 करोड़

-दशाश्वमेध वार्ड लागत-16.22 करोड़

-गढ़वासी टोला वार्ड लागत-9.60 करोड़

गलियों में हो रहा विकास कार्य

-पुराने चौका-पत्थर को बदला जा रहा

-सीवरेज व भूमिगत पेयजल की लाइनों को बदलकर नई लाइनें डाली जा रही हैैं 

-गलियों में स्थित भवनों की दीवारों पर आकर्षक थीम आधारित चित्रकारी

-डक्ट चैंबर का निर्माण जिसमें विद्युत, टेलीफोन लाइनों के लिए खोदाई न करनी पड़े

गली साफ-सुथरी हो गई है

पहले जो व्यवस्था की थी उससे राहत महसूस कर रहे हैं। गली साफ-सुथरी हो गई है। सीवेज लीकेज दुरुस्त हुआ है। लाइटिंग की व्यवस्था हुई है। पहले की अपेक्षा काफी सुविधा हुई है।

: बचाऊ लाल 

विकास कार्य धीमी गति से हो रहा है

स्मार्ट सिटी के तहत विकास कार्य धीमी गति से हो रहा है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। कुछ दिन काम होता है फिर बंद हो जाता है। गलियों को उजाड़ कर छोड़ दिया है।

: कल्लू राम पटेल

अब काफी राहत हो गई है

पहले जिन समस्याओं से मोहल्ले वाले जूझ रहे थे, अब काफी राहत हो गई है। जब तक काम चलेगा, परेशानी तो होगी। लेकिन इससे बेहतर जीवन की उम्मीद जगी है।

: विक्की यादव 

संकरी गलियों में विकास कार्य चुनौतीपूर्ण है

संकरी गलियों में विकास कार्य चुनौतीपूर्ण है। पुरानी व्यवस्था को तब खत्म किया जा रहा है, जब नई व्यवस्था क्रियान्वित हो रही है। इसमें पहले सीवर, फिर पेयजल, फिर डक्ट चैंबर के बाद चौका का कार्य हो रहा है। इसकी गति धीमी हो सकती है, क्योंकि सुरक्षा का खयाल भी रखा जा रहा है। हालांकि, चुनौतियों के बाद भी सितंबर 2021 तक कार्य पूर्ण हो जाएगा।

 - गौरांग राठी, सीईओ वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड


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