World TB Day : प्रदेश की पहली सी-आर्म मशीन वाराणसी में इंस्टाल, हर तरह के टीबी की सटीक जांच
पीएम के संसदीय क्षेत्र को टीबी मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य महकमे ने युद्धस्तर पर मुहिम छेड़ रखी है। इस कड़ी में प्रदेश की पहली सी-आर्म मशीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र-शिवपुर स्थित ट्यूबरक्यूलोसिस यूनिट में इंस्टाल की गई है जिसका उद्धाटन आज 24 मार्च को किया जाएगा।
वाराणसी, मुहम्मद रईस। पीएम के संसदीय क्षेत्र को टीबी मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य महकमे ने युद्धस्तर पर मुहिम छेड़ रखी है। इस कड़ी में प्रदेश की पहली सी-आर्म मशीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र-शिवपुर स्थित ट््यूबरक्यूलोसिस यूनिट में इंस्टाल की गई है, जिसका उद्धाटन आज 24 मार्च को किया जाएगा। इस अत्याधुनिक डिजिटल एक्स-रे मशीन से हर तरह की टीबी का सटीक पता लगाया जा सकता है।
विश्व क्षय रोग दिवस पर जिले में विविध कार्यक्रम आयोजित होंगे। सुबह 11 बजे शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के टीबी यूनिट में संक्षिप्त कार्यक्रम के बाद सी-आर्म मशीन का लोकार्पण किया जाएगा। इसके बाद यहीं से जागरूता रैली निकाली जाएगी। निजी नर्सिग कालेज में टीबी रोग पर विशेष व्याख्यान भी आयोजित है। वहीं शाम चार बजे शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र-चौकाघाट में लगी ट्रनेट ड्यूअल माड्यूल मशीन का भी लोकार्पण किया जाएगा।
एक साथ चार सैंपल की जांच, आधे घंटे में परिणाम
ट्रनेट ड्यूअल माड्यूल मशीन से एक साथ चार सैंपल की जांच की जा सकती है। यह आधे घंटे में परिणाम में भी देती है। एमडीआर, एक्सडीआर व टीडीआर रोगियों पर टीबी की दवा के असर को परखने व बैक्टीििरया पर किन दवाओं की क्या रेजिंग है, इसका पता लगाया जा सकेगा। टीबी रोगियों में सर्वाधिक मौतें इन्हीं रोगियों की होती है। ऐसे में सटीक जांच सुविधा उपलब्ध होने से मृत्युदर में काफी कमी लाई जा सकेगी।
गांव-गांव छेड़ा जाएगा अभियान
सीएमओ डा. वीबी सिंह ने बताया कि देश को क्षय रोग (टीबी) से मुक्त करने के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक का लक्ष्य रखा है। इस संकल्प को अमलीजामा पहनाने के लिए टीबी के खिलाफ गांव-गांव अभियान छेड़ा जाना जरूरी है। यह संकल्प सही मायने में तभी पूरा हो सकता है जब समाज का हर वर्ग इसे अपनी चुनौती मानकर इस बीमारी को भगाने में साथ दे। टीबी को छिपाये नहीं बल्कि जागरुक और सतर्क रहकर उसकी समय से जांच कराएं और डाक्टर की सलाह के मुताबिक दवा की पूरी खुराक लें। याद रखें दवा की खुराक में एक भी दिन का नागा न करें। टीबी को वर्ष 2025 तक पूर्ण रूप से खत्म करने का मतलब है कि टीबी से मौत के मामले को 95 फीसद और नए मरीजों की संख्या को 90 फीसद तक कम करना है।
चार साल में मिले 31952 मरीज
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राहुल सिंह के मुताबिक निक्षय पोषण योजना अप्रैल 2018 से शुरू की गई। जिले में एक अप्रैल 2018 से 28 फरवरी 2021 तक सरकारी क्षेत्र में 18795 एवं निजी क्षेत्र में 13157 मरीजों में टीबी की पुष्टि हुई है। वहीं जनपद के 20,528 मरीजों के बैंक खाते में 5,22,97,500 रुपये डीबीटी के माध्यम से भेजे जा चुके हैं। वर्तमान में जनपद में करीब 4000 मरीजों का इलाज किया जा रहा है, जिसमें 900 से अधिक एमडीआर/एक्सडीआर मरीज शामिल हैं।
टीबी के लक्षण
- दो हफ्ते या उससे अधिक समय तक खांसी का आना।
- खांसी के साथ कभी-कभी खून का निकलना।
- खांसी के साथ बलगम का आना।
- वजन का बराबर कम होना और भूख न लगना।
- लगातार बुखार आना, विशेषकर रात में।