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वाराणसी में थमी कोरोना संक्रमण की रफ्तार, जनपद में नहीं मिला कोई पाजिटिव मरीज

जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार अब थमने को है। बीएचयू व मंडलीय हास्पिटल की लैब से बुधवार को मिले 5898 सैंपलों के परिणाम में एक भी पाजिटिव नहीं मिला। वहीं होम आइसोलेशन के पांच मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें स्वस्थ घोषित कर दिया गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 09:51 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 09:51 PM (IST)
वाराणसी में थमी कोरोना संक्रमण की रफ्तार, जनपद में नहीं मिला कोई पाजिटिव मरीज
बीएचयू व मंडलीय हास्पिटल की लैब से बुधवार को मिले 5898 सैंपलों के परिणाम में एक भी पाजिटिव नहीं मिला।

वाराणसी, जागण संवाददाता। जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार अब थमने को है। बीएचयू व मंडलीय हास्पिटल की लैब से बुधवार को मिले 5898 सैंपलों के परिणाम में एक भी पाजिटिव नहीं मिला। वहीं होम आइसोलेशन के पांच मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें स्वस्थ घोषित कर दिया गया। जनपद में अब तक 82346 पाजिटिव केस मिले हैं, जिनमें से 81549 स्वस्थ भी हो चुके हैं और 773 की मौत हो चुकी है। वर्तमान में सक्रिय मरीजों की संख्या महज 24 है। वहीं 3062 सैंपल पेंडिंग हैं, जिनके परिणाम का इंतजार है।

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अंतरराष्ट्रीय स्पेशल केंद्र पर 33, महिला स्पेशल पर पहुंची 133 लाभार्थी

विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों व चैरिटेबल अस्पतालों में 55 सत्रों का आयोजन कर 7947 लाभार्थियों काे प्रतिरक्षित किया गया। 4333 लाभार्थियों को प्रथम व 3614 को दूसरी डोज का टीका लगाया गया। इस क्रम में 45 वर्ष से ऊपर के 302 लोगों को टीका लगाया गया। स्वास्थ्य केंद्रों पर 18 वर्ष से 44 वर्ष के 7445 लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया। इसमें से 4227 लाभार्थियों को प्रथम डोज व 3218 को दूसरी डोज का टीका लगाया गया। वहीं अंतरराष्ट्रीय स्पेशल एक केंद्र पर 33 लाभार्थियों एवं महिला स्पेशल एक केंद्र पर 133 महिलाओं का टीकाकरण किया गया।

कोरोना प्रबंधन के अनुभवों के लिए बनेगा कोविड कोष

वैश्विक महामारी कोरोना ने भारत ही नहीं पूरे विश्व में तमाही मचाई। कोरोना की पहली लहर हो या दूसरी दोनों ही आपदा ने जमकर कहर बरपाया। हालांकि लाखों लाेगों की जान लेने वाली यह पहली महामारी नहीं है। इससे पहले भी कई बार महामारी या आपदा आ चुकी है, लेकिन इससे सीख लेने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी स्थिति से निपटा जा सके। इसे ध्यान में रखते हुए चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू की ओर से कोविड रिपोजिटरी (कोविड कोष) पोर्टल बनाया जा रहा है। इसके लिए दिल्ली में साफ्टवेयर भी तैयार किया जा रहा है।


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