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विश्व शांति व दलाई लामा की लंबी आयु के लिए दंडवत प्रणाम करते हुए जाएंगे नेपाल तक

विश्व शांति एंव दलाई लामा की लंबी उम्र के लिए भिक्षुक करधा तेनकंग भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली से गुरुवार सुबह प्रणाम करते हुए नेपाल के लिए निकले।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 09:41 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 09:46 PM (IST)
विश्व शांति व दलाई लामा की लंबी आयु के लिए दंडवत प्रणाम करते हुए जाएंगे नेपाल तक
विश्व शांति व दलाई लामा की लंबी आयु के लिए दंडवत प्रणाम करते हुए जाएंगे नेपाल तक

वाराणसी (जेएनएन) । विश्व शांति एंव तिब्बतियों के धर्मगुरुदलाई लामा की लंबी उम्र के लिए भिक्षुक करधा तेनकंग भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ से गुरुवार की सुबह दंडवत प्रणाम करते हुए नेपाल के लिए निकले। बीच-बीच में गौतम बुद्ध के उपदेश के महत्व को लोगों को बताएंगे। भिक्षुक करधा गत वर्ष कुशीनगर तक दंडवत प्रणाम करते गए थे। 

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52 वर्षीय भिक्षु करधा तेनजिंग मूलत: धर्मशाला हिमाचल प्रदेश के एक बौद्ध मंदिर में रहते हैं। भिक्षुक करधा ने बताया कि सारनाथ से ही बुद्ध का उपदेश विश्व में फैला है। इस लिए मैंने विश्व शांति एवं दलाई लामा के दीर्घायु की कामना और बुद्ध के उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए दंडवत प्रणाम करते हुए धार्मिक यात्रा सारनाथ के प्राचीन तिब्बती बौद्ध मंदिर से शुरू किए। यहां से कुशीनगर, लुंबिनी होते हुए नेपाल जाएंगे। प्रतिदिन 21 किलोमीटर की यात्रा तय करना है। इस लिहाज से लगभग तीन माह में वह नेपाल पहुंचेंगे। अपने साथ एक ठेला गाड़ी भी है जिस पर पंचशील झंडा और ठेला पर यात्रा का उद्देश्य व बुद्ध के उपदेश लिखे हैं।


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