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एसआइटी ने डिप्टी रजिस्ट्रार को घेरा, विशेष जांच दल ने संस्कृत विवि में की पड़ताल

संस्कृत विवि में एसआइटी (विशेष जांच दल) दूसरे दिन शनिवार को भी सक्रिय रही। एसआइटी पर डिप्टी रजिस्ट्रार सहित अन्य परीक्षा अधिकारियों को घेरना शुरू कर दी है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 29 Sep 2018 10:58 PM (IST)Updated: Sat, 29 Sep 2018 10:58 PM (IST)
एसआइटी ने डिप्टी रजिस्ट्रार को घेरा, विशेष जांच दल ने संस्कृत विवि में की पड़ताल
एसआइटी ने डिप्टी रजिस्ट्रार को घेरा, विशेष जांच दल ने संस्कृत विवि में की पड़ताल

वाराणसी (जेएनएन) । संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में एसआइटी (विशेष जांच दल) दूसरे दिन शनिवार को भी सक्रिय रही। एसआइटी पर डिप्टी रजिस्ट्रार सहित अन्य परीक्षा अधिकारियों को घेरना शुरू कर दी है। इस क्रम में एसआइटी ने वर्ष 2011-12 में डिप्टी रजिस्ट्रार रह चुके महेंद्र कुमार का शनिवार को बयान लिया। कुछ और अधिकारियों के बयान भी जल्द होने की संभावना है।  

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इंस्पेक्टर आरपी शुक्ल के नेतृत्व में एसआइटी की दो सदस्यीय टीम विश्वविद्यालय में दो दिनों से डेरा डाले बैठी हुई है। वह अभिलेखों से वर्ष 2004 से 2014 तक जारी प्रमाणपत्रों की जांच कर रही है। इस दौरान टीम सत्यापन रिपोर्ट की पड़ताल करने में भी जुटी हुई है। एसआइटी परीक्षा रिकार्डों में ही उलझी है। टेबुलेशन रजिस्टर (टीआर) हुई कटिंग के संबंध में एसआइटी परीक्षा विभाग के एक दर्जन कर्मचारियों का बयान ले चुकी है। बावजूद एसआइटी जालसाजों के करीब अब तक नहीं पहुंच सकी है। जबकि जांच करीब चार सालों से चल रहा है। अफसरों का बयान ले रही है ताकि पुख्ता जानकारी एकत्र किया जा सके। 

18 सालों का नया बनेगा रिकार्ड

टेबुलेशन रजिस्टर में व्यापक पैमाने पर हुई कटिंग को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने पिछले 18 सालों (वर्ष 1992 से 2009 तक) का परीक्षा रिकार्ड नए सिरे से बनाने का निर्णय लिया है।   


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