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Varanasi Gyanvapi Case : वाराणसी ज्ञानवापी मामले में विशेष एडवोकेट कमिश्नर ने अदालत को सौंपी कार्यवाही की रिपोर्ट

Gyanvapi Mosque News ज्ञानवापी मामले में गुरुवार को विशेष एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ज्ञानवापी में अब तक हुए सर्वे की रिपोर्ट सिविल जज (सीनियर डिविजन) की अदालत में सौंपी। अब इस पर सुनवाई होनी है। इस प्रकरण में दायर दो अन्य लंबित प्रार्थना पत्रों पर भी सुनवाई होगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 11:23 AM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 11:47 AM (IST)
Varanasi Gyanvapi Case : वाराणसी ज्ञानवापी मामले में विशेष एडवोकेट कमिश्नर ने अदालत को सौंपी कार्यवाही की रिपोर्ट
ज्ञानवापी मामले में गुरुवार को विशेष एडवोकेट कमिश्नर ने सर्वे की रिपोर्ट सिविल जज (सीनियर डिविजन) की अदालत में सौंपी।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। Varanasi Gyanvap Case Report Submitted ज्ञानवापी मामले में गुरुवार को विशेष एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ज्ञानवापी में अब तक हुए सर्वे की रिपोर्ट सिविल जज (सीनियर डिविजन) की अदालत में सौंपी। अब इस पर सुनवाई होनी है। इस प्रकरण में दायर दो अन्य लंबित प्रार्थना पत्रों पर भी सुनवाई होगी। पहले प्रार्थना पत्र में तीन महिला पक्षकारों ने मस्जिद के तहखाने में रखे मलबे व कमरेनुमा संरचना की दीवार हटाकर सर्वे कराने मांग की है। दूसरे प्रार्थना पत्र में जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडेय ने वजूखाने की मछलियों को स्थानांतरित करने का आदेश देने की मांग अदालत से की है। इस बीच ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी की ट्रायल कोर्ट से कहा है कि आज कोई आदेश न दे।

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सूत्रों के अनुसार पूर्व एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने कार्यवाही के दौरान वादी से यह जानने की कोशिश भी की थी कि मस्जिद परिसर की पश्चिमी दीवार की बैरिकेडिंग के बाहर सिंदूर लगी तीन से चार कलाकृतियां व शिलापट्ट शृंगार गौरी हैं या नहीं। उन्हें बताया गया कि यह शृंगार गौरी मंदिर की चौखट का अवशेष है। बैरिकेङ्क्षडग के अंदर मुख्य मंदिर या उसके अवशेष तक जाना प्रतिबंधित है, इसलिए उनकी कलाकृति के प्रतीक को फिलहाल शृंगार गौरी मानकर पूजते हैं।

बता दें कि 18 अगस्त, 2021 को पांच महिलाओं राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास व रेखा पाठक ने सिविल जज (सीनियर डिविजन) की अदालत में वाद दायर कर मां शृंगार गौरी के दैनिक दर्शन-पूजन की अनुमति देने व अन्य विग्रहों को संरक्षित करने की अपील की थी। वाद में कहा गया था कि ज्ञानवापी परिसर स्थित मस्जिद की पश्चिमी दीवार के पीछे प्राचीन काल से मौजूद देवी मां शृंगार गौरी की छवि है। आठ अप्रैल 2022 को सिविल जज ने अजय कुमार मिश्र को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करते हुए कार्यवाही की रिपोर्ट देने को कहा था। एडवोकेट कमिश्नर ने कमीशन की कार्यवाही के लिए छह व सात मई की तिथि निर्धारित की थी। छह मई को दिन में 3.30 से 5.45 तक सर्वे हुआ था। सात मई को मस्जिद पक्ष के विरोध और बड़ी संख्या में नमाजियों के जुट जाने की वजह से कार्यवाही नहीं हो पाई थी।

मलबा और कमरेनुमा संरचना हटाने की वादी पक्ष ने की है मांग

ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में मुकदमे की वादी रेखा पाठक, मंजू व्यास, सीता साहू ने मस्जिद के तहखाने में रखे मलबे व कमरेनुमा संरचना की दीवार हटाकर सर्वे कराने मांग की है। वहीं शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडेय की ओर से वजूखाने में मौजूद मछलियों को स्थानांतरित करने समेत अन्य मांग संबंधित प्रार्थना पत्र पर भी सुनवाई नहीं हुई।

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट में अब कल होगी सुनवाई

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी की ट्रायल कोर्ट से कहा है कि आज कोई आदेश न दे। ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अब सुप्रीम कोर्ट में कल यानी शुक्रवार को दोपहर 3 बजे सुनवाई होगी। इससे पहले 17 मई को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। वहीं स्‍पेशल कमिश्‍नर की सर्वे रिपोर्ट वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिविजन) की अदालत में पेश की गई। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद ने याचिका दायर कर वाराणसी की कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। बता दें कि वाराणसी की कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण का आदेश दिया था।


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