बेटे की मोक्ष कामना से स्पेनिश मां अस्थियां लेकर आई काशी, हिंदू रीति से अंतिम संस्कार
स्पेन से एक जन्मदात्री वृद्धा मां अपने लाल को गंगा मां से मिलाने आई थीं, हाथों में जवान पुत्र की अस्थियों का कलश सहेजे महादेव की नगरी में उसे मोक्ष दिलाने ले आईं।
वाराणसी (जेएनएन) । राग- विराग का नित्य मेला सजाने वाले महाश्मशान मणिकर्णिकाघाट की पथरीली सीढिय़ां शनिवार को मोम की तरह पिघल पड़ीं। यहां स्पेन से एक जन्मदात्री वृद्धा मां अपने लाल को गंगा मां से मिलाने आई थीं। हाथों में अपने जवान पुत्र की अस्थियों का कलश सहेजे महादेव की नगरी में उसे मोक्ष दिलाने ले आई थीं। वैदिक मंत्रों के बीच अस्थियों को गंगा में विसर्जित किया और इससे पहले सनातनी सभी विधान भी पूरे किए। देशी हों या विदेशी वृद्ध मां के भावों पर जिस किसी की नजर पड़ी गीली हो गईं पलकें और आंखों से आंसू भी ढलक पड़े।
वास्तव में स्पेन के बार्सिलोना शहर की लगभग 70 वर्षीय मारिया टेरेसा का 36 वर्षीय पुत्र खोर्डी मार्च में एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से जख्मी हो गया था। बड़े अस्पतालों में इलाज के बाद भी वह ठीक नहीं हुआ और 15 मार्च को मौत हो गई। अंतिम सांस लेने से पहले खोर्डी ने अपना अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज से करने और अस्थियों को भगवान शिव की नगरी काशी में प्रवाहित करने की मां से इच्छा व्यक्त की।
बेटे की अंतिम इच्छा सुन कर मारिया फफक कर रोयी और प्रवासी भारतीय कुछ मित्रों के सहयोग से बेटे की पहली अंतिम इच्छा पूरी की। इसके बाद बेटे की अस्थियां लेकर उसकी मोक्ष यात्रा पर निकल पड़ीं। वे शुक्रवार की शाम मुंबई होते बनारस आईं। यहां गाईड की मदद से मणिकर्णिकाघाट पहुंचीं और वैदिक मंत्रों के बीच बेटे की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया। गीली आंखों को पोछते हुए दोनों हाथ जोड़ काशी-विश्वनाथ-गंगे को प्रणाम किया और कहा भगवान शंकर मेरे बेटे की श्रद्धा का मान रखेंगे और मोक्ष प्रदान करेंगे।