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कहीं बजरंगी के शूटरों के खौफ से तो छुट्टी पर नहीं गए जेलर, भेज चुके हैं तबादले के लिए प्रार्थना पत्र

जिला कारागार के जेलर संजय सिंह मंगलवार की शाम अचानक अवकाश पर चले गए। छुट्टी संबंधी प्रार्थना पत्र में हालांकि उन्होंने एक सप्ताह के अवकाश की वजह पारिवारिक दिखाई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 09:26 PM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 09:30 PM (IST)
कहीं बजरंगी के शूटरों के खौफ से तो छुट्टी पर नहीं गए जेलर, भेज चुके हैं तबादले के लिए प्रार्थना पत्र
कहीं बजरंगी के शूटरों के खौफ से तो छुट्टी पर नहीं गए जेलर, भेज चुके हैं तबादले के लिए प्रार्थना पत्र

जौनपुर, जेएनएन। जिला कारागार के जेलर संजय सिंह मंगलवार की शाम अचानक अवकाश पर चले गए। छुट्टी संबंधी प्रार्थना पत्र में हालांकि उन्होंने एक सप्ताह के अवकाश की वजह पारिवारिक दिखाई है लेकिन इसे मुन्ना बजरंगी गैंग के शूटरों के खौफ से जोड़कर देखा जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि गिरोह के शूटरों के निशाने पर होने की खुफिया रिपोर्ट के बाद जेलर संजय सिंह ही नहीं उनके परिजन भी हर पल दहशत के साए में जी रहे हैं। गनर मिलने के बाद भी वे सुरक्षा के प्रति पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं और महानिदेशक कारागार को भेजे गए अपने स्थानांतरण संबंधी प्रार्थना पत्र की पूरी ताकत से पैरवी कर रहे हैं।

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 कभी 'इंडियाज मोस्ट वांटेड' रहे जरायम की दुनिया में आतंक के पर्याय रामपुर थाना क्षेत्र के कसेरू पूरेदयाल गांव निवासी प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की गतवर्ष नौ जुलाई को बागपत जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसी जेल में बंद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अपराधी सुनील राठी पर हत्या का आरोप लगा। उस समय बागपत जेल में तैनात रहे संजय सिंह घटना के समय छुट्टी पर चल रहे थे। बावजूद इसके बजरंगी गिरोह से ताल्लुक रखने वालों को लगता है कि जेल में हत्या की साजिश में एक पूर्व सांसद के साथ ही जेलर संजय सिंह भी लिप्त रहे हैं। बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने तो पूर्व सांसद का नाम भी लिया था। बजरंगी की हत्या के कुछ ही दिनों बाद संजय सिंह ने तबादला होने पर जौनपुर जेल में कार्यभार ग्रहण कर लिया। अपराध जगत में मुन्ना बजरंगी के 'गॉडफादर' माने जाने वाले एक दिवंगत सपानेता के पुत्र जमालापुर तिहरा हत्याकांड में सजायाफ्ता उन दिनों जौनपुर जेल में ही निरुद्ध रहे।

 जेलर संजय सिंह जिले के सत्ताधारी दल के एक वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक के करीबी रिश्तेदार हैं। जेल में ही संजय सिंह को ठिकाने लगाने का ताना-बाना बुने जाने की भनक लगने के बाद तीन बार में चिह्नित किए गए 18 बंदियों का प्रशासनिक आधार पर गैर जिलों की जेलों में स्थानांतरण करा दिया गया। आरोप है कि फतेहगढ़ जिले में स्थानांतरित अपराधी ने वहीं से फिर जेलर की हत्या की प्लाङ्क्षनग शुरू की। फिर किसी माध्यम से इसकी खबर संजय सिंह को लग गई। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से सुरक्षा की गुहार लगाने के साथ ही डीजी (जेल) आनंद कुमार के पास खुद को कहीं और स्थानांतरित करने के लिए प्रार्थना पत्र भेज दिया।निवर्तमान एसपी विपिन कुमार मिश्र ने खुफिया तंत्र से इनपुट मिलने के बाद अगस्त के दूसरे पखवाड़े में जेलर को सुरक्षा के लिए गनर मुहैया करा दिया था।

पारिवारिक कारणों से ली छुट्टी

जेलर संजय सिंह 17 अगस्त की शाम स्टेशन छोडऩे की अनुमति के साथ ही 18 से 23 सितंबर तक पारिवारिक कारणों से छुट्टी पर गए हैं। उन्होंने महानिदेशक (जेल) को स्थानांतरण के लिए प्रार्थना पत्र दिया है। जो शासनस्तर पर विचाराधीन है।

-एके मिश्र, अधीक्षक जिला जेल। 


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