घर पहुंचा फौजी का शव, 16 नवंबर को रेलवे स्टेशन की पटरी पर मिला था शव
फौजी रामलच्छन यादव का शव सोमवार को उनके घर पहुंचा, शव को देखते ही परिवार में कोहराम मच गया, सीओ त्रिपुरारी पाडे ने पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी।
चंदौली, जेएनएन। फौजी रामलच्छन यादव का शव सोमवार को उनके घर पहुंचा। शव को देखते ही परिवार में कोहराम मच गया। सीओ त्रिपुरारी पाडे ने फौजी को पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धाजलि दी। रामलच्क्षन का शव 16 नवंबर को बुडाला रेलवे स्टेशन की पटरी पर पड़ा मिला था। वह 15 नवंबर को अवकाश पर अपने घर लौट रहे थे। हालाकि, फौजी की मौत की असली वजह पता नहीं चल सका है। बलुआ थाना क्षेत्र के लक्ष्मणगढ़ गाव निवासी रतन यादव के पुत्र रामलक्षन (45) फौजी थे। वह पंजाब प्रात के भटिंडा में तैनात थे।
रामलच्क्षन बटालियन से घर जाने को अवकाश लेकर निकले तो रेल की पटरी पर खून से सने मिले। परिजनों को उसी दिन घटना की जानकारी मिली थी। दरअसल, जीआरपी ने फौजी के जेब से बरामद परिचयपत्र के जरिए असलियत जान सैन्य अधिकारियों को खबर दी थी। सेना के सूबेदार, चार जवान सोमवार को शव लेकर गाव में पहुंचे तो परिजनों की चीख-पुकार से गाव गमगीन हो उठा। शव को पहुंचने में दो दिन लगने से परिजनों की सिसकिया ही सुनाई पड़ रहीं थीं। ढांढ़स बंधाने पहुंचे लोग गमगीन माहौल में खुद को संभाल नहीं पा रहे थे। पत्नी चिंता देवी, मा इंद्रावती, पिता रामरतन, पुत्र सचिन व संदीप का रो-रोकर बुराहाल हो गया।
शव यात्रा में सेना के 134 वीं बटालियन के नायब सूबेदार ओमप्रकाश, हवलदार अभिमन्यु, नायक एसके मौर्य व गोरखा ट्रेनिंग सेंटर रेजीमेंट वाराणसी के कर्नल अशोक थापा सकलडीहा क्षेत्राधिकारी त्रिपुरारी पांडेय, बलुआ थानाध्यक्ष धीरेंद्र कुमार सिंह, सपा महिला सभा जिलाध्यक्ष सुषमा यादव, पूर्व प्रमुख बाबूलाल यादव, चकरू यादव, जिला पंचायत सदस्य अनिल कुमार यादव समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए। छोटे बेटे संदीप यादव ने मुखाग्नि दी।
बड़ा बेटा भी फौज में : दिवंगत फौजी के बड़े बेटा सचिन यादव भी सेना में हैदराबाद में ट्रेनिंग ले रहे हैं। पिता की मौत की खबर सुनकर वह भी गांव पहुंचे। छोटा बेटा ग्यारहवीं की पढ़ाई कर रहा है।