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गजब झोल! एंटीबायोटिक में 'आटा-पाउडर-मिट्टी' का घोल, हो जाएं इस टैबलेट से सावधान

क्या आप संक्रमण से परेशान हैं? यदि डॉक्टर ने वीसेफ-ओ टैबलेट खाने की सलाह दी है तो ये खबर सिर्फ आपके लिए है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 21 May 2019 07:06 PM (IST)Updated: Wed, 22 May 2019 08:15 AM (IST)
गजब झोल! एंटीबायोटिक में 'आटा-पाउडर-मिट्टी' का घोल, हो जाएं इस टैबलेट से सावधान
गजब झोल! एंटीबायोटिक में 'आटा-पाउडर-मिट्टी' का घोल, हो जाएं इस टैबलेट से सावधान

भदोही [विभूति नारायण दुबे]। क्या आप संक्रमण से परेशान हैं? यदि डॉक्टर ने वीसेफ-ओ टैबलेट खाने की सलाह दी है तो ये खबर सिर्फ आपके लिए है। यह दवा बिल्कुल मत खाइयेगा, क्योंकि यह मरीज को चंगा तो नहीं करेगी लेकिन परेशानी जरुर बढ़ा देगी। यह हम नहीं बल्कि औषधि प्रशासन की रिपोर्ट कह रही है। सप्ताह भर पहले भदोही शहर के एक मेडिकल स्टोर से इस टैबलेट के नमूने औषधि विभाग के अधिकारियों ने संग्रहित किए थे। उसे परीक्षण के लिए लखनऊ स्थित राजकीय दवा विश्लेषक संस्था को भेजा गया। अब उसकी रिपोर्ट आ चुकी है, जिसमें चौंकाने वाली बातें उजागर हुई हैं। दवा में हिमाचल प्रदेश की कंपनी ने दावा किया है कि यह टैबलेट सेफीक्सीम और ओफ्लोक्सासिन रासायनिक तत्व से मिलकर बना हुआ है। 

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जांच में ये फार्मूला 100 प्रतिशत गायब है। यह टैबलेट केवल आटा और पाउडर के घोल से तैयार किया गया है। दवा का रंग बदलने के लिए मिट्टी के तत्व भी जांच में पाए गए हैं, जो अधिकारियों को हैरत में डाल रही है। विभाग ने जब कंपनी का पता लगाना शुरू किया तो वह दवा के पैकिंग में दिए हुए पते पर मौजूद ही नहीं है। वह गायब है, जिसे खोजा जा रहा है। इसी तरह कंपनी ने 'ए-सिपेक्स-ओ' टैबलेट में भी एंटीबायोटिक के नाम पर झोल किया गया है। इस दवा में भी आटा-पाउडर के घोल मिले हैं। यह भी नकली है। सिर्फ यही दवा नहीं बल्कि ऐसी करीब 13 दवाओं पर जांच चल रही है, इनकी रिपोर्ट भी आने लगी है। अब विभाग कंपनी और दवा विक्रेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने जा रहा है। मेडिकल स्टोर संचालक के लाइसेंस भी निरस्त करने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है।

पेटेंट दवाओं की आड़ में बिक्री : औषधि प्रशासन के ड्रग निरीक्षक अमित कुमार बंसल ने बताया कि इस दवा की बिक्री पेटेंट दवाओं की आड़ में हो रही है। केवल टैबलेट के रुप में बनाकर दवाइयां पैङ्क्षकग कर बाजार में फर्जी कंपनियां उतार दी हैं। ऐसी दवाओं से सेहत ठीक नहीं हो रही है। गरीब ही नहीं, हर तरह के मरीज तो ठगे जा रहे हैं। 

दवा एजेंसी ने थमा दिया फर्जी बिल : चूंकि नकली दवा मेडिकल स्टोर से पकड़ी गई थी। उसने जिस ड्रग एजेंसी से दवा खरीदी थी, उसे फर्जी बिल पकड़ा दिया गया। हालांकि एजेंसी पर भी अब कार्रवाई चल रही है, लेकिन मामले में फाइल बंद करने का दबाव भी बढ़ रहा है। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि नकली दवाओं के कारोबार पर रोकथाम के लिए छापेमारी की जा रही है। जिले में आधा दर्जन दुकानों पर छापेमारी के दौरान नकली दवाओं की पुष्टि हो गई है।

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