सुबह स्कूल जाने वाले बच्चे और शिक्षक बरतें सावधानी, देर से जाएं मैदान में सुबह-सुबह टहलने वाले
मौसम में सुबह-शाम ठंड होने के कारण आकाश में चहारदीवारी बन जाती है इसमें एक ऊपर की परत होती है और एक नीचे की।
वाराणसी, जेएनएन। स्मॉग के कारण इस समय बनारस की आबो-हवा उस लायक नहीं है जिसे अच्छा कहा जा सके। मंगलवार को शाम के पांच बजे वाराणसी का एयर क्वालिटी इंडेक्स156 था, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। मौसम में सुबह-शाम ठंड होने के कारण आकाश में चहारदीवारी बन जाती है। इसमें एक ऊपर की परत होती है और एक नीचे की। इसी निचले स्तर पर पर्टिक्यूलेट मैटर नहीं निकल पाते हैं जिससे वायु प्रदूषण बढ़ जाता है।
राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय वाराणसी के काय चिकित्सा विभाग के डा. अजय कुमार ने बताया कि स्मॉग के समय सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों के साथ अध्यापक और अध्यापिकाओं को परेशानी का सामान करना पड़ता है। वहीं स्वास्थ्य लाभ के लिए टहलने वाले बुजुर्गों को भी वायु प्रदूषण के कारण परेशानी होती है।
स्मॉग में होते हैं ये कण
स्मॉग वायु प्रदूषण के एक मिश्रण से बनता है, जिसमें मुख्य रूप से नाइट्रोजन आक्साइड, सल्फर आक्साइड और कुछ अन्य कार्बनिक यौगिक होते हैं। स्मॉग न केवल मनुष्य के लिए बल्कि पौधों और जानवरों के लिए भी हानिकारक होता है।
ऐसे करें बचाव
- घर के अंदर ही एक्सरसाइज या योग करें।
-सुबह टहलने थोड़ी देर से निकलें और खाली पेट न जाएं।
-घर के आसपास पानी का छिड़काव करें।
- बच्चों और पुरुषों को चेहरे पर रुमाल या कोई साफ कपड़ा बांधना चाहिए।
- बाहर से घर लौटते ही आंखों को ठंडे पानी से धोना चाहिए।
- पानी का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए।
कौन से मास्क का करें प्रयोग
एन 95 वायु मास्क स्मॉग और धूल भरे मौसम के लिए सबसे बेहतर होता है। यह मास्क पीएम 2.5 को 95 प्रतिशत तक फिल्टर कर सकते हैं।