प्रदेश के स्कूलों में अब खेती की 'स्मार्ट क्लास' चयनित किसानों के लिए सिलेबस तैयार
किसानों को नए जमाने की तकनीक से जोड़ने के लिए अब प्राइमरी स्कूलों में कृषि की स्मार्ट क्लास चलेगी। बनारस में यह क्लास 12 दिसंबर कसे शुरू होने जा रही है।
वाराणसी [नील दुबे] । पारंपरिक खेती से हटकर किसानों को नए जमाने की तकनीक से लैस करने की कोशिश अब धरातल पर शुरू हो रही है। अबकी यह कोशिश प्राइमरी स्कूलों में कृषि की स्मार्ट क्लास चलाकर होने जा रही है। द मिनियन फॉमर्स स्कूल में उन्नत खेती कर किसान अच्छी पैदावार कर सकें, इसके लिए प्रदेश भर के प्राथमिक विद्यालयों में चार दिन की कक्षाएं चलेंगी। बनारस में यह क्लास 12 दिसंबर से शुरू होने जा रही। प्रशासन रोस्टर तय कर चुका है और किसानों को पढ़ाने वाले एक्सपर्ट भी। जिले के 98 न्याय पंचायतों में 196 स्कूलों में कक्षाएं चलाने के लिए तैयारी शुरू हो चुकी है। चयनित किसानों के नाम तय किए जा रहे हैं और सिलेबस के अनुसार पढ़ाई के लिए विशेषज्ञों को बुलावा भी भेज दिया गया है। किसानों को उन्नत बीज के इस्तेमाल और अच्छी बोवाई के लिए जानकारी दी जाएगी।
देश में पहली कृषि पाठशाला उत्तर प्रदेश में : हर दिन अलग-अलग फसलों की बोवाई की जानकारी दी जाएगी, जिसमें प्रमुख रुप से गेहूं, मटर, चना, सरसों शामिल हैं। देश में उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य है, जहां किसानों के लिए सरकार पाठशाला चलाने जा रही है। इसका पहला चरण 12 से 15 दिसंबर और दूसरा चरण 17 से 20 दिसंबर होगा।
रोजाना दो घंटे की क्लास : प्राथमिक विद्यालयों में चार दिन तक शाम साढे़ 3 से 5 बजे तक किसानों की कक्षाएं चलेंगी। बताएंगे कि किस बीज का कितना और किस तरह से उपयोग करें जिससे अच्छी पैदावार हो सके। लगभग 50 पेज का सिलेबस तैयार किया गया है, जो चार दिनों में किसानों को पढ़ाया जाएगा।
यह रहेगा पाठ्यक्रम : पहला दिन : रबी की मुख्य फसलें, प्रजातियां, प्रभावी बिंदु, कृषि वानिकी, पारदर्शी किसान योजना, मोबाइल एप व डीबीटी। दूसरा दिन : कृषि विभाग कि योजनाएं एवं देय सुविधाएं, रबी बीजों पर अनुदान और समर्थन मूल्य, प्राकृतिक संसाधनों और कृषि निवेश प्रबंधन। तीसरा दिन : कृषकों की आय दो गुना करने की रणनीति, समेकित कृषि प्रणाली व प्रधानमंत्री फसल बीमा। चौथा दिन : उद्यान और पशुपालन विभाग की योजनाएं, गन्ना, मत्स्य, रेशम उत्पादन और जैव ऊर्जा।