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संस्कृत विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव करने की मांग को लेकर नारेबाजी, कुलसचिव से मिला छात्रों का प्रतिनिधि मंडल

जनपद का माहौल सामान्य होते ही संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्रों ने छात्रसंघ चुनाव करने की मांग शुरू कर दी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 24 Dec 2019 04:24 PM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 04:24 PM (IST)
संस्कृत विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव करने की मांग को लेकर नारेबाजी, कुलसचिव से मिला छात्रों का प्रतिनिधि मंडल
संस्कृत विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव करने की मांग को लेकर नारेबाजी, कुलसचिव से मिला छात्रों का प्रतिनिधि मंडल

वाराणसी, जेएनएन। जनपद का माहौल सामान्य होते ही संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्रों ने छात्रसंघ चुनाव करने की मांग शुरू कर दी।  चुनाव कराने की मांग को लेकर छात्रों ने सोमवार को केंद्रीय कार्यालय के सामने नारेबाजी भी की। यही नहीं  छात्रों का एक प्रतिनिधि मंडल  कुलसचिव से मिला और नामांकन व चुनाव की नई तिथि घोषित करने की मांग की।

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छात्रसंघ चुनाव के लिए विश्वविद्यालय ने अधिसूचना जारी कर दी थी। इसके तहत 21 दिसंबर को नामांकन व 30 दिसंबर को मतदान होना था। वहीं 21 दिसंबर को जिला प्रशासन ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए विश्वविद्यालय को पर्याप्त सुरक्षा बल मुहैया कराने में असमर्थता जताई और कुलपति से चुनाव प्रक्रिया रोकने का अनुरोध किया। जिला प्रशासन के निर्देश पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अगले आदेश तक के लिए  चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी। अब स्थिति सामान्य होने व कर्मचारियों का आंदोलन खत्म होने से छात्रों ने छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग एक बार फिर तेज कर दी है।

संस्कृत विवि में खुले कार्यालयों के ताले

परीक्षा पारिश्रमिक व एरियर के भुगतान के आश्वासन पर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने आंदोलन वापस ले लिया है। सभी कर्मचारी काम पर लौट आए हैं। गतिरोध खत्म होते ही सोमवार को दसवें दिन कार्यालयों के ताले खुले और सामान्य कामकाज हुआ। कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल ने बताया कि शासन ने अनुपूरक बजट में विश्वविद्यालय को 13.95 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है ताकि लंबित देयकों का भुगतान किया जा सके। कहा कि शासन से मिले अनुदान से लंबित परीक्षा पारिश्रमिक का भुगतान करने में कोई बाधा नहीं हैं। फिर भी यदि कोई अचडऩ सामने आई तो विश्वविद्यालय निजी स्रोतों से कर्मचारियों के लंबित समस्त देयकों का भुगतान करेंगी। यही नहीं इस संबंध में कुलसचिव राज बहादुर ने कर्मचारियों को लिख कर भी दिया। इसके बाद कर्मचारियों ने आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की।


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