बीएचयू शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक के इमरजेंसी वार्ड में पर्ची और कैश काउंटर शुरू
चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक (एसएसबी) में शिफ्ट हुई इमरजेंसी में अब पर्ची व कैश काउंटर खोल दिया गया है। इससे मरीजों व उनके तीमारदारों ने राहत की सांस ली है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक (एसएसबी) में शिफ्ट हुई इमरजेंसी में अब पर्ची व कैश काउंटर खोल दिया गया है। इससे मरीजों व उनके तीमारदारों ने राहत की सांस ली है। वहीं बाल रोग इमरजेंसी व इमरजेंसी ओटी पुराने ही स्थान पर चल रहा है। यानी दो जगह व्यवस्था होने के कारण अस्पताल प्रशासन ने अभी तक एसएसबी में पर्ची व कैश काउंटर नहीं खोला गया था। हालांकि दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद प्रशासन ने इसे संज्ञान में लाते हुए बुधवार को मरीजों के हित में काउंटर खेलवा दिया।
मालूम हो कि बीएचयू अस्पताल में पूर्वांचल के साथ ही बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व अन्य स्थानों से भी मरीज आते हैं, लेकिन इमरजेंसी वार्ड में उपचार कराने के लिए उन्हें बहुत ही परेशानी झेलनी पड़ती थी। इसी को ध्यान में रखते हुए एसएस अस्पताल में कायाकल्प योजना के तहत भवन विभिन्न वार्डों में मरम्मत कार्य चल रहा है। इसी के तहत पुराने इमरजेंसी वार्ड को तोड़कर नया बनाया जाना है। नया बनने के बाद यहां पर आपातकालीन सेवाएं भी बेहतर हो जाएगी। कुछ बेड भी बढ़ जाएंगे। ताकि यहां आने वाले मरीजों को अधिक से अधिक सुविधाएं मिल जाए। फिलहाल यहां के इमरजेंसी वार्ड जगह के कमी के कारण मरीजों को स्ट्रेचर पर ही इलाज कराना पड़ता है। खूब धक्का-मुक्की भी होती है। कई बार बेड या जगह नहीं मिलने पर मरीजों को वापस भी लौड़ना पड़ता है। हालांकि नया भवन बन जाने के बाद यह समस्या लगभग कुछ वर्षों के लिए समाप्त हो जाएगी। वैसे एसएसबी में मरीजों के उपचार के लिए पर्याप्त जगह व सुविधाएं भी है। सोमवार की देरशाम को इमरजेंसी का आधा हिस्सा एसएसबी में शिफ्ट कर दिया गया। मंगलवार से यहां पर मरीजों का उपचार भी शुरू हो गया।
पर्ची कटाने के लिए झेलने पड़ रही परेशानी
एसएसबी से पर्ची काउंडर करीब 500 मीटर की दूरी पर है। अगर मरीज पुराने इमरजेंसी वार्ड पहुंचता है तो उन्हें सबसे पहले एसएसबी में भेजा जा रहा है। पहुंचने पर फिर उन्हें पर्ची कटाने के लिए वापस पुराने रजिस्ट्रेशन काउंटर पर जाना पड़ रहा है। इसके कारण समय का तो नुकसान हो ही रहा है साथ ही मरीजों या उनके तीमारदारों को परेशानी भी झेलनी पड़ रही है। इस संबंध में चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता ने एसएसबी में ही पर्ची की व्यवस्था के लिए एचडीएफसी बैंक के अधिकारियों को निर्देशित किया है। उप चिकित्सा अधीक्षक प्रो. सौरभ सिंह ने बताया कि जल्द ही यहां पर पर्ची व कैश काउंटर की व्यवस्था हो जाएगी। एचडीएफसी बैंक, ट्रामा सेंटर शाखा के प्रबंधक वैभव त्रिपाठी ने बताया कि काउंटर खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।