सोनभद्र के जंगल में मिला युवक का कंकाल, गमछा के सहारे पेड़ से लटका था सिर
सोनभद्र के कोन थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत निगाई के माइधिया के जंगल में मंगलवार की सुबह युवक का कंकाल बरामद होने से सनसनी फैल गई।
सोनभद्र, जेएनएन। कोन थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत निगाई के माइधिया के जंगल में मंगलवार की सुबह युवक का कंकाल बरामद होने से सनसनी फैल गई। उसका सिर गमछे के सहारे एक पेड़ से लटका मिला, जबकि कुछ हड्डियां जमीन पर पड़ी थी। शव सात दिन पुराना बताया जा रहा है। इस मामले में पुलिस की लापरवाही उजागर हुई है। परिजनों का कहना है कि पुलिस समय से कार्रवाई करती तो यह हादसा टल सकता था। परिजनों ने युवक की हत्या का आरोप लगाया है।
कंकाल मिलने के बाद उसकी शिनाख्त माइधिया गांव निवासी छोटेलाल (25) पुत्र मानदेव चेरो के रूप में पुलिस ने की है। कंकाल मिलने की सूचना चरवाहा से मिलने के बाद कोन थाना प्रभारी राजेश सिंह के साथ ओबरा क्षेत्राधिकारी भाष्कर वर्मा भी मौके पर पहुंचे। सीओ ने बताया कि १५ जून को छोटेलाल बोरवेल वाहन से राबर्ट्सगंज से अपने गांव आया था। वह अपने घर न जाकर उसी गांव में रहने वाली अपनी प्रेमिका के घर चला गया। इस बात की जानकारी जब छोटेलाल की पत्नी को हुई तो वह परिवार के कुछ सदस्यों को लेकर उसकी प्रेमिका के घर धमक पड़ी थी। छोटेलाल से परिवार वालों ने घर चलने को कहा लेकिन वह जाने से इंकार कर दिया। इसे लेकर छोटेलाल व उसकी पत्नी के बीत विवाद भी हुआ था। विवाद के बाद छोटेलाल प्रेमिका के घर से वापस अपने घर आने की बजाय कहीं और चला गया था। 15 जून को छोटेलाल के प्रेमिका के घर से जाने के बाद उसके परिजन व उसकी प्रेमिका के परिजन थाने पहुंचे थे। छोटेलाल की पत्नी का आरोप था कि उसे साजिश के तहत गायब कर दिया गया है। वहीं प्रेमिका की माता बंसती का आरोप था कि छोटेलाल के परिजनों ने मारपीट की है। छोटेलाल के परिजन उसको गायब करने का आरोप प्रेमिका के परिवार वालों पर लगाते रहे लेकिन पुलिस ने उनकी प्राथमिकी दर्ज नहीं की। अलबत्ता प्रेमिका की मां बसंती की शिकायत पर छोटेलाल के परिवार के कई सदस्यों के खिलाफ धारा 323, 504 व 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया। छोटेलाल के परिजनों को यह कहकर वापस कर दिया गया कि वे छोटेलाल की तलाश करें। मंगलवार को छोटेलाल का कंकाल मिलने के बाद पुलिस ने बचाव का रूख अख्तियार कर लिया। सात दिनों तक हाथ पर हाथ धरे बैठी पुलिस सनसनीखेज मामले में नतीजे पर भी पहुंच गई और यह कहने से पीछे नहीं रही कि छोटेलाल जिस दिन प्रेमिका के घर पहुंचा था, उसी दिन जंगल में गमछा के सहारे फांसी लगा लिया। छोटेलाल के परिजनों का कहना है कि 15 जून को यदि पुलिस उसके अपहरण का मुकदमा दर्ज कर त्वरित कार्रवाई करती तो छोटेलाल की मौत या हत्या नहीं होती।
रंजिश का नहीं मामला
छोटेलाल व उसकी प्रेमिका के परिवार के बीच विवाद की कोई वजह नहीं मिली है। जिससे यह लगे कि उनके द्वारा हत्या की गई है। प्रेमिका का भाई छोटेलाल के साथ ही बोरवेल कंपनी में काम करता था और 15 जून को वह दोनों साथ ही गांव आए थे। प्रकरण की जांच की जा रही है।
- भाष्कर वर्मा, क्षेत्राधिकारी, ओबरा।