वाराणसी में करोड़ों की ठगी में छह लोगों पर मुकदमा दर्ज, दफ्तर हुआ सील
वाराणसी महज चार घंटे टीवी दिखाकर लाखों कमाने का सपना दिखाने वाली कैटची पिक्सल कंपनी अब अस्तित्वहीन हो गई। मामले में छह के खिलाफ शिवपुर पुलिस ने केस दर्ज किया है।
वाराणसी, जेएनएन। महज चार घंटे टीवी दिखाकर लाखों कमाने का सपना दिखाने वाली कैटची पिक्सल कंपनी अब अस्तित्वहीन हो गई। आरोपित राजेश सिंह सहित छह के खिलाफ शिवपुर पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर मामले की छानबीन कर रही है। सीओ कैंट के निर्देश पर फ्रेंचाइजी ऑफिस में कई बार जांच पड़ताल की गई। साथ ही दफ्तर सील कर दिया गया। फर्जीवाड़े से निवेशकों का गुस्सा शुक्रवार को फूट पड़ा था। इसका शिकार नटिनियादायी में फ्रेंचाईजी चला रहे राजेश कुमार सिंह हुए। निवेशकों ने उन्हें शिवपुर पुलिस के हवाले कर दिया था।
कंपनी के खिलाफ की लिखित शिकायत
दूसरे दिन शनिवार को भी दर्जनों लोगों ने चांदमारी पुलिस चौकी पर पहुंचकर कंपनी के खिलाफ लिखित ब्योरा सहित तहरीर दी। रामबृक्ष गुप्ता सिरिस्ति, शिवदशा चौबेपुर ने चार लाख रुपये कंपनी में लगाने की लिखित शिकायत की। शांति देवी भोजूबीर ने 79 हजार, विकास सिंह अजगरा चार लाख, आदित्य सिंह सारनाथ 10 लाख की ठगी की लिखित शिकायत चांदमारी पुलिस चौकी पर की। पूरे पूर्वांचल में बनारस से ही यह संचालित होता रहा। ग्राम मंसा, जमानिया, गाजीपुर के निवासी संजय श्रीवास्तव ने भी अपने पूरे प्रमाणपत्र के साथ तहरीर दी है। उन्होंने बताया कि 4 लाख 54 हजार रुपये कंपनी में लगा हुआ है।
साइट से पता चला कि कंपनी तीन जून से बंद है
भुक्तभोगियों ने बताया कि कंपनी में रुपये लगाए लोगों को पहले कोविड 19 महामारी का हवाला देते हुए दो महीने से प्रतिमाह होने वाला पांच हजार रुपये देना बंद कर दिया। लोग कंपनी के एप्स द्वारा रोजाना चार घंटे टीवी चलाते रहे। बीते 22 मई से प्रचार आना बंद हो गया। तब निवेशकों में बेचैनी बढऩे लगी। भुक्तभोगियों ने यहां वहां संपर्क साधना शुरू किया। जब कोई हल नही निकाला तो पुलिस करवाई के लिए मजबूर हो गए। कंपनी की साइट पर जाने से पता चला कि वह तीन जून से बंद है। उसके बाद से कभी अपडेट नही हुई।