एसआइटी ने तलब किया बीएड के दस वर्षों का परीक्षा रिकार्ड, संस्कृत विवि से चार बिंदुओं पर मांगी जानकारी
परीक्षा अभिलेखों की जांच कर रही एसआइटी (विशेष अनुसंधान दल) ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से बीएड का रिकार्ड तलब किया है।
वाराणसी, जेएनएन। परीक्षा अभिलेखों की जांच कर रही एसआइटी (विशेष अनुसंधान दल) ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से बीएड का रिकार्ड तलब किया है। वर्ष 2004 से 2014 (दस वर्ष) तक बीएड का टेबुलेशन रजिस्टर (टीआर) की फोटो काफी मांगी है ताकि विश्वविद्यालय से बीएड करने वाले परीक्षार्थियों का सत्यापन अपने स्तर से से भी किया जा सके।
सूबे के विभिन्न जनपदों में बेसिक शिक्षा विभाग से संचालित विद्यालयों में विश्वविद्यालय के उपाधिधारक बड़े पैमाने पर चयनित हुए थे। विवि पर सत्यापन रिपोर्ट में व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरतने का आरोप है। एक बार वैध तो दूसरी बार उसी परीक्षार्थी को फर्जी बताया गया। इसे देखते हुए शासन ने इसकी जांच एसआइटी सौंप दी। एसआइटी अब इसकी जांच नए सिरे से कर रहा है। इस क्रम में विशेष अनुसंधान दल की अपर पुलिस अधीक्षक अमृता मिश्रा ने विश्वविद्यालय से चार बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। इसमें परिषदीय विद्यालयों में चयनित अभ्यर्थियों की सूची (नाम, पिता का नाम, पता व संबंधित विद्यालय का नाम), चयनित परीक्षा का नाम व तिथि, विश्वविद्यालय के डिग्रीधारक (पूर्व मध्यमा, उत्तर मध्यमा, शास्त्री व बीएड) चयनित अभ्यर्थियों की सत्यापन रिपोर्ट, यदि उनके प्रमाणपत्र फर्जी मिले तो उनके विरूद्ध की गई कार्रवाई का विवरण सप्ताहभर के भीतर तत्काल मांगा है। बहरहाल परीक्षा अभिलेखों में हेराफेरी की जांच एसआइटी वर्ष 2016-17 से ही कर रही है। इस दौरान एसआइटी विश्वविद्यालय को आधा दर्जन से अधिक पत्र दे चुकी है। यही नहीं एसआइटी की टीम कई बार विश्वविद्यालय भी आ चुकी है। गत दिनों एसआइटी के इंस्पेक्टर विनोद कुमार सिंह जांच के सिलसिले में विश्वविद्यालय आए थे। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय से टेबुलेशन रजिस्टर के साथ कंप्यूटर में दर्ज बीएड का रिकार्ड की छाया प्रति मांगी थी। परीक्षा नियंत्रक विशेश्वर प्रसाद ने बताया कि बीएड का परीक्षा रिकार्ड की फोटो कापी कराई जा रही है ताकि एसआइटी को सौंपा जा सके।