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जौनपुर में शराब के गोदाम पर एसआइटी का छापा, डुप्लीकेट बार कोड के जरिए करोड़ों की हेराफेरी पर जांच

देशी शराब फैक्ट्री टपरी सहारनपुर से अल्कोहल की चोरी व डुप्लीकेट बार कोड के जरिए करोड़ों की हेराफेरी के मामले में गुरुवार को विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) ने शराब गोदाम पर छापा मारा। गोदाम के अंदर देर शाम तक अभिलेखों व स्टाक की जांच चलती रही।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 09:41 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 09:41 PM (IST)
जौनपुर में शराब के गोदाम पर एसआइटी का छापा, डुप्लीकेट बार कोड के जरिए करोड़ों की हेराफेरी पर जांच
जौनपुर में खरका तिराहे के पास शराब गोदाम में एसआईटी की छापेमारी के दौरान तैनात पुलिस ।

जौनपुर, जागरण संवाददाता। देशी शराब फैक्ट्री टपरी सहारनपुर से अल्कोहल की चोरी व डुप्लीकेट बार कोड के जरिए करोड़ों की हेराफेरी के मामले में गुरुवार को विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) ने शराब गोदाम पर छापा मारा। गोदाम के अंदर देर शाम तक अभिलेखों व स्टाक की जांच चलती रही। सुरक्षा की दृष्टि से बाहर पुलिस व पीएसी का पहरा रहा। इस कार्रवाई से अवैध शराब कारोबारियों में खलबली मची रही।

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विशेष अनुसंधान दल ने टपरी स्थित देशी शराब की फैक्ट्री से लगभग 35 करोड़ के टैक्स चोरी का मामला पकड़ा है। इस मामले में प्रदेश के कई जनपदों में भी अल्कोहल की चोरी व डुप्लीकेट बार कोड के जरिए करोड़ों की हेराफेरी पर जांच की जा रही है। जिले के भी लाइसेंसी की संलिप्तता होने पर लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। इतना ही नहीं विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से शराब माफियाओं के ट्रकों से करोड़ों का अल्कोहल मंगाने की बात सामने आ रही है।

चर्चा है कि इसी मामले में एसआइटी ने जांच करने के लिए खरका कालोनी स्थित गोदाम पर छापा मारा है। हालांकि टीम के सदस्यों कुछ भी बताने से मना कर दिया। उधर, अपर पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने बताया कि लखनऊ से स्पेशल टीम आई है। टीम की मांग पर पुलिस व पीएसी भेजी गई है।

कर्मचारियों के नाम लाइसेंस लेकर अवैध कारोबार में संलिप्त हैं कई सफेदपोश

जौनपुर: जनपद में लंबे समय से डुप्लीकेट बार कोड पर लाखों की हेराफेरी हो रही है। इस खेल में कई सफेदपोश भी शामिल हैं,जो अपने कर्मचारियों के नाम पर लाइसेंस लेकर कई प्रांतों में परदे के पीछे से सिंडीकेट चला रहे हैं। विभाग के कुछ जिम्मेदार अधिकारियों की भी अहम भूमिका है। विभागीय सूत्रों के अनुसार शराब कारोबारी ने एक कर्मचारी के नाम से सीएल-2 का लाइसेंस निरस्त होने के बाद दूसरे कर्मचारी के नाम पर जौनपुर और आजमगढ़ में 50 लाख रुपये शुल्क जमा कर दो सीएल-2 का लाइसेंस लिया। इन लाइसेंस पर दो करोड़ से अधिक का शराब की भी खरीद की गई। मामूली वेतन पर काम कर रहे कर्मी के पास इतनी रकम कहां से आई इसकी भी जांच की जा रही है। एसआइटी के नकेल कसने पर यह कारोबारी सत्ता के सहारे अपनों को बचाने में जुट गए हैं।

आबकारी निरीक्षक समेत तीन को किया गया था तलब

जौनपुर: विशेष अनुसंधान दल ने देशी शराब फैक्ट्री टपरी सहारनपुर से एक ही बिल्टी व गेट पास पर दो बार शराब लदी गाड़ी निकालने व प्रदेश के विभिन्न जनपदों में आबकारी गोदामों पर आपूर्ति किए जाने के मामले में आबकारी निरीक्षक सदर समेत तीन के खिलाफ नोटिस जारी की गई थी। एसआइटी लखनऊ के विवेचना अधिकारी ने दस अप्रैल को नोटिस भेजकर आबकारी निरीक्षक सदर श्याम कुमार गुप्त, प्रधान आबकारी सिपाही सुजाउद्दीन व आबकारी सिपाही लक्ष्मीशंकर मिश्र को समस्त अभिलेखों के साथ पूछताछ के लिए तलब किया था।

बयान देने से भागते रहे अधिकारी

शराब गोदाम पर हुई कार्रवाई के बारे में आबकारी विभाग के अधिकारी कुछ भी बताने से कतराते रहे। जिला आबकारी अधिकारी से सीयूजी नंबर पर बात की गई तो उन्होंने कहा मैं अवकाश पर हूं। नगर के इंस्पेक्टर चार्ज में हैं। नगर के इंस्पेक्टर ने न तो फोन उठाया और न ही वाट्सएप पर कोई जवाब दिया। इतना ही नहीं अपर आयुक्त दिव्य प्रकाश गिरि ने भी छापेमारी से अनभिज्ञता जताई। कहा कि उच्चाधिकारियों के आदेश पर कार्रवाई हो रही होगी।


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