Health Tips : टीबी और कोरोना के लक्षण में काफी समानता, बरतेंं अधिक सावधानी
क्षयरोग (टीबी) में रोग प्रतिरोधक क्षमता पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है ऐसे में संक्रमण का खतरा सामान्य मरीजों से अधिक होता है। ऐसे में नए टीबी रोगियों को आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
मऊ, जेएनएन। कोरोना के दौर में वैसे तो सभी को सतर्कता बरतनी जरूरी है, लेकिन टीबी (क्षयरोग) के उपचाराधीनों को अतिरिक्त सावधानी की जरूरत है। विशेषकर उन्हें जो पहले से ही फेफड़ों की समस्या से जूझ रहे हैं। क्षयरोग (टीबी) में रोग प्रतिरोधक क्षमता पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है, ऐसे में संक्रमण का खतरा सामान्य मरीजों से अधिक होता है। ऐसे में नए टीबी रोगियों को आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. एसपी अग्रवाल ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर का स्ट्रेन कमजोर रोग -प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को ज्यादा प्रभावित कर रहा है। ऐसे में टीबी मरीजों में संक्रमण का खतरा अन्य लोगों से कई गुना ज्यादा होता है। टीबी मरीज को बहुत आवश्यक हो, तभी घर से बाहर निकलने की सलाह दी जा रही है। मास्क और शारीरिक दूरी का पालन की सलाह भी दी जा रही है। टीबी का मरीज एक बार खांसने पर लगभग तीस से चालीस हजार ड्राप लेट युक्त टीबी बैक्टीरिया हवा में छोड़ता है। यदि, वह कोरोना संक्रमित हो गया तो संक्रमण बड़े स्तर पर फैलाने में सहायक हो सकता है। इसलिए इस प्रकार के किसी भी संक्रमण को वृहद रूप से फैलने से रोकने के लिए मास्क का उपयोग जरूरी होता है इसलिये इस समय सभी को ट्रिपल लेयर तक के मास्क के प्रयोग की सलाह दी जा रही है। सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार आदि टीबी मरीज में भी होते हैं और कोरोना के भी यही लक्षण हैं।
जिला कार्यक्रम समन्वक टीबी (क्षयरोग) जयदेश यादव ने बताया कि जनपद में इस समय 1,541 टीबी मरीज उपचाराधीन हैं। इन लोगों की ब्लाक स्तर पर 10 सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस) के माध्यम से निरंतर निगरानी की जा रही है। इसमें सभी पंजीकृत के साथ प्रवासियों और किन्ही कारण से रुके उपचाराधीनों को दवाइयों के साथ अन्य जरूरी आवश्यक सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है।