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डीरेका निर्मित विद्युत रेल इंजनों के उत्‍पादन लागत में आई उल्‍लेखनीय कमी

डीजल रेल इंजन कारखाना में विद्युत रेल इंजनों का निर्माण वित्‍तीय वर्ष 2016-17 से प्रारम्‍भ हुआ। प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया अभियान के अंतर्गत विद्युत रेल इंजनों के उत्‍पादन में लगातार वृद्धि हुई। डीरेका ने विगत वित्‍तीय वर्ष में विद्युत रेल इंजनों के उत्‍पादन में वृद्धि की।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 03:00 PM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 05:01 PM (IST)
डीरेका निर्मित विद्युत रेल इंजनों के उत्‍पादन लागत में आई उल्‍लेखनीय कमी
डीरेका ने विगत वित्‍तीय वर्ष में विद्युत रेल इंजनों के उत्‍पादन में वृद्धि की है।

वाराणसी, जेएनएन। डीजल रेल इंजन कारखाना में विद्युत रेल इंजनों का निर्माण वित्‍तीय वर्ष 2016-17 से प्रारम्‍भ हुआ। प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया अभियान के अंतर्गत विद्युत रेल इंजनों के उत्‍पादन में लगातार वृद्धि हुई है। इस कड़ी में डीरेका ने विगत वित्‍तीय वर्ष में न केवल विद्युत रेल इंजनों के उत्‍पादन में वृद्धि की, अपितु डीरेका निर्मित विद्युत रेल इंजनों की लागत में उल्‍लेखनीय कमी भी दर्ज की है। पिछले वर्षों की तुलना में विगत वित्‍तीय वर्ष में WAP7 एवं WAG9H विद्युत रेल इंजनों की लागत में क्रमश: लगभग 40 लाख (3.3%) एवं 60 लाख (5.6%) रुपये की कमी दर्ज हुई है।

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इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए डीरेका ने श्रमिक, सामग्री और प्रबंधन से जुड़ी प्रचलित रणनीति अपनाई। विनिर्माण प्रक्रिया में श्रमिकों के मोर्चे पर, कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया, ताकि कम समय में रेल इंजनों का उत्‍पादन किया जा सके। कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए विभिन्न सेमिनार, प्रशिक्षण सत्र एवं व्यावहारिक प्रदर्शन को अपनाया गया। कार्यस्थल की स्थितियों में सुधार के द्वारा कर्मचारियों के मनोबल को भी बढ़ाया गया।

सामग्री के मोर्चे पर विद्युत रेल इंजनों के पुर्जों की प्रतिस्पर्धी खरीद को प्रोत्साहित किया गया, परिणामस्‍वरूप सामग्री की लागत में कमी आई। प्रबंधन के मोर्चे पर, रेल इंजन के निर्माण में लगने वाले समय-चक्र और कर्मचारियों को कम करने के लिए विभिन्‍न स्‍तरों पर पर्यवेक्षण को बढ़ाया गया। ओवरहेड लागत को कम करने के उपाय भी किए गए।

विदित हो कि मात्र दो विद्युत रेल इंजनों के साथ वित्‍तीय वर्ष 2016-17 से डीरेका में विद्युत रेल इंजनों का उत्पादन प्रारम्‍भ हुआ था। डीरेका ने वित्‍तीय वर्ष 2018-19 में 145 विद्युत रेल इंजनों की तुलना में वित्‍तीय वर्ष 2019-20 में 272 विद्युत रेल इंजनों का उत्‍पादन किया है।


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