अत्याधुनिक उपकरणों से लैस हुआ श्रीकाशी विश्वनाथ धाम, सुरक्षा भवन 'पिनाक' से होगी पूरे परिसर पर नजर
काशी विश्वनाथ धाम का संचालन शुरू होने के बाद पूरे परिसर की सुरक्षा व्यवस्था एक भवन से होगी। नवनिर्मित भवन में कंट्रोल रूम पुलिस पीएसी सीआरपीएफ क्षेत्रीय जांच इकाई (LIU) रेडियो समेत बीडीएस (बम स्क्वायड) की आफिस होगी।
वाराणसी, जागरण संवाददाता : काशी विश्वनाथ धाम की सुरक्षा व्यवस्था के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस सुरक्षा भवन का निर्माण किया गया है। इस भवन का नाम भगवान शिव के धनुष के नाम पर रखा गया है। नवरात्र के शुभ अवसर पर मंगलवार को विधिवत हवन-पूजन के साथ सुरक्षा अधिकारियों ने भवन में प्रवेश किया। पिनाक भवन से अब मंदिर सहित पूरे धाम की सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। लगभग 400 कैमरे से लैस पूरे धाम की मानिटरिंग इस भवन होगी।
हवन-पूजन के दौरान पुलिस कमिश्नर सतीश गणेश, एडीजी राम कुमार, आईजी के सत्यनारायण, एडीसीपी विक्रांत वीर, मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा, अपर जिलाधिकारी बच्चू सिंह, डीआईजी सीआरपीएफ सुरेंद्र चौधरी, 95 बटालियन सीआरपीएफ कमांडेंट अनिल कुमार बृक्ष, 36वीं वाहिनी पीएसी कमांडेंट अनिल पांडेय, 34वीं वाहिनी पीएसी राजीव रंजन मिश्र समेत कई अन्य अधिकारियों ने पूजन हवन किया। इसके बाद इस भवनका आधिकारिक रूप से संचालन शुरू कर दिया गया। चार मंजिला बने इस भवन में एक सभागार सहित कुल 36 कमरे हैं। पुलिस, सीआरपीएफ, पीएसी, बम स्क्वायड, एलआईयू सहित सभी विंग इस भवन में रहेंगे।
इंटीग्रेटेड कमांड सिस्टम से होगी परिसर की निगाहबानी
जागरण संवाददाता, वाराणसी: काशी विश्वनाथ धाम विस्तारीकरण के बाद बाबा विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या रोज बढ़ रही है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम की सुरक्षा व्यवस्था के लिए नया आधुनिक सुरक्षा भवन में उपकरण की शिफ्टिंग भी पूरी कर ली गई। 28 सितंबर से संपूर्ण रूप से भवन से काम सुरक्षा एजेंसियां काम करना शुरू कर देगी। पुलिस को अत्याधुनिक भवन हैंडओवर कर दिया गया है। इंटीग्रेटेड कमांड सिस्टम से होगी पूरे परिसर पर होगी निगाहबानी। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में नवनिर्मित सुरक्षा भवन का नाम भगवान विश्वनाथ के धनुष के नाम पिनाक रक्खा गया है। बाबा विश्वनाथ धाम की निगरानी के लिए लगभग 400 हाई डिफीनिशन कैमरे और इस भवन में इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सिस्टम (आईसीसीएस) लगाया गया है। जिससे परिसर के सभी कैमरों से जोड़ा गया है।
अत्याधुनिक फायर फाइटिंग उपकरणों से लैस किया गया
पूरे परिसर में अत्याधुनिक फायर फाइटिंग उपकरणों से लैस किया गया है। मंदिर में करीब डेढ़ लाख लीटर का वाटर टैंक है। पूरे परिसर में 96 फायर हाइड्रेंट लगे हैं। जिसमें एक्सटर्नल 41 और इंटरनल 55 फायर हाइड्रेंट और 494 स्मोक डिटेक्टर, 46 हीट डिटेक्टर और अलग-अलग तरह के करीब 224 फायर एक्सटिंग्विशर भी परिसर में लगे हैं। पूर्व में सीआरपीएफ और खुफिया विभाग का का आफिस कर्माइकल लाइब्रेरी के ऊपर था। बम डिस्पोजल दस्ता सन्यासी द्वार के पास एक कमरे से अपना काम करता था।