देवालय संकुल से कम न होगा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम, भवनों के ध्वस्तीकरण में मिले 27 मंदिरों का किया जीर्णोद्धार
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लिए खरीदे गए भवनों के ध्वस्तीकरण में मिले 27 मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जा रहा तो विग्रहों को पुनर्स्थापित करने के लिए नए 27 मंदिर भी बनाए जा रहे। इस तरह विरासत को सहेजते हुए इसे देवालय संकुल का रूप दिया जाएगा
वाराणसी, जागरण संवाददाता। बाबा दरबार से गंगधार तक दृष्टि पथ एकाकार किए श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में देवालय संकुल की छवि नजर आएगी। मुख्य परिसर में काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ के साथ ही नए पांच मंदिरों में स्थापित देव विग्रह पंचायतन स्वरूप को साकार करेंगे। गंगा तट से लेकर मंदिर तक कारिडोर के लिए खरीदे गए भवनों के बीच मिले मंदिर व देव विग्रह दिव्यता के रंग के चटख करेंगे।
वास्तव में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण-सुंदरीकरण परियोजना में भू व्यवस्था के लिए खरीदे गए लगभग 400 भवनों के ध्वस्तीकरण के दौरान उनके बीच लगभग 60 मंदिर मिले। कला शिल्प व बनावट के आधार पर पुरातात्विक आकलन में ये मंदिर 18वीं-19वीं शताब्दी के बीच के पाए गए हैंै, लेकिन कई ऐसे भी विग्रह मिले जिनका जिक्र स्कंद पुराण के काशी खंड में भी मिलता है। इन देवालयों में से शिखर वाले 27 मंदिरों को उनका मूल स्वरूप बरकरार रखते हुए जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इसकी जिम्मेदारी इस कार्य में सिद्धहस्त राजस्थान की कंपनी को दी गई है। इसमें धूतपापेश्वर महादेव, मानदंतेश्वर महादेव, त्रिसंधेश्वर महादेव, ज्ञानेश्वर महादेव, नीलकंठेश्वर, रुद्रेश्वर, अमृतेश्वर महादेव मंदिर, गणाध्यक्ष विनायक, इच्छा पूर्ति गणेश, त्रिमूर्तेश्वर, दुर्मुख विनायक, सुमुख विनायक, प्रमोद विनायक, हनुमान मंदिर, एकादश रुद्र आदि शामिल हैैं।
घरों-छोटे मंदिरों समेत क्षेत्र में मिले पौराणिक महत्व के विग्रहों को महत्ता अनुसार स्थापित करने के लिए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद की ओर से 14 फीट ऊंचाई के 27 मंदिर बनाए जा रहे हैैं। आकार- प्रकार में एक रंग मंदिरों की शृंखला चहारदीवारी के पास तैयार हो रही है।
समस्त मंदिरों व विग्रहों के पास उनका इतिहास, प्राचीनता, विशिष्टता, वास्तुकला दर्ज की जाएगी। इसे सुनने के लिए आडियो सिस्टम लगाया जाएगा। उद्देश्य यह कि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु, रिसर्च स्कॉलर पर्यटकों को इन मंदिरों के बारे में पूरी जानकारी पा सकें।
लगभग 400 भवनों की खरीद, 1400 का किया पुनर्वास
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण और सुंदरीकरण परियोजना के प्राथमिक डिजाइन अनुसार पहले चरण में लगभग 197 भवन सहमति से खरीदने थे। श्रद्धालुओं की सुविधा की दृष्टि से पीएम मोदी-सीएम योगी की परिकल्पना निरंतर विस्तार पाती गई और जनसहमति से करीब 400 भवनों की खरीद कर ली गई। मूल्यांकन, रजिस्ट्री के साथ तत्काल भुगतान कर कब्जा लिया गया और ध्वस्तीकरण से पहले 1400 मकानदारों-दुकानदारों और किरायेदारों तक का पुनर्वास सुनश्चित किया गया। इस पर लगभग 400 करोड़ रुपये खर्च किए गए। चिह्नित क्षेत्र में स्थित 17 ट्रस्ट भवनों व 17 सेवइत संपत्तियों को भी श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद की मदद से शामिल किया गया। शायद किसी परियोजना में ऐसा पहली बार हुआ होगा जब एक जगह इतने भवनों की खरीद में न तो अधिग्रहण की जरूरत पड़ी और न ही कोई मामला कोर्ट में लंबित है।