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वाराणसी में चुनावी सीजन में बिजली दे रही उपभोक्‍ताओं को झटका, विभाग ने गिनाई वजहें, आप भी जानें

वाराणसी में बिजली की डिमांड का बढ़ना भी एक बड़ा कारण बताया जाता है। लोग ठंड से बचने के लिए ब्लोअर हीटर का उपयोग करने लगे हैं। ऐसे में फ्रीक्वेंसी अधिक होने पर फीडर ट्रिप कर जा रहे हैं तो ओस की बूंदों से इंसुलेटर पंचर हो रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 12:48 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 12:48 PM (IST)
वाराणसी में चुनावी सीजन में बिजली दे रही उपभोक्‍ताओं को झटका, विभाग ने गिनाई वजहें, आप भी जानें
वाराणसी में बिजली की डिमांड का बढ़ना भी एक बड़ा कारण बताया जाता है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। चुनावी सीजन में बिजली की आंख मिचौली मानो उपभोक्‍ताओं को झटका दे रही है। करेंट उपभोक्‍ताओं के बीच इस समय अंडर करेंट का माहौल बनाए हुए है। गांव, कस्‍बों और गलियों में एक ही चर्चा है कि आखिर इधर बिजली क्‍यों गुल हो जा रही है? इस चर्चा के बीच आप यह भी जान लें कि वाराणसी वीआइपी शहर होने की वजह से यहां निर्बाध आपूर्ति का निर्देश है। मगर, बिजली विभाग की दुश्‍वारियां अब सर्दी के दौर में सिर उठाने लगी हैं। 

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विभाग के अनुसार इन दिनों मौसम ठंड का बना हुआ है। इससे सिर्फ जन-जीवन और पशु -पक्षियों पर ही असर नहीं पड़ा है बल्कि बिजली की आपूर्ति पर भी इसका गहरा असर है। ट्रिपिंग के कारण जहां शहर और देहात क्षेत्र के फीडर ट्रिप होने की घटनाएं बढ़ गई है तो वहीं पतंगों की डोर भी आपूर्ति में बड़ी बाधक बन गई है। शुक्रवार दोपहर से लेकर शनिवार सुबह तक शहर और ग्रामीण क्षेत्र में दर्जनों फीडर इस कारण से बंद हुए। जिसके चलते निर्बाध आपूर्ति में व्यवधान हुआ है। वितरण इकाई की मानें तो शहर व ग्रामीण क्षेत्र में सर्द मौसम और कोहरे के कारण बिजली गुल होने की समस्या काफी बढ़ गई है। फीडरों की ट्रिपिंग का सिलसिला तेज हो गया है।

बिजली में यह खामी इसके पीछे डिमांड का बढ़ना भी एक बड़ा कारण बताया जाता है। लोग ठंड से बचने के लिए ब्लोअर, हीटर का उपयोग करने लगे हैं। ऐसे में फ्रीक्वेंसी अधिक होने पर फीडर ट्रिप कर जा रहे हैं तो ओस की बूंदों से इंसुलेटर पंचर होने की घटनाएं बढ़ी है। इससे आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होने लगी है। इस बीच पतंगों की डोर भी तारों में फंसने से आपूर्ति बाधित होने लगी है। शहरी क्षेत्र में तो इस समस्या को जल्द ही दूर कर लिया जाता है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में लंबी लाइनों के कारण समय लगता है। जानकारों की मानें तो लाइनों की पेट्रोलिंग न होने से यह समस्या और बढ़ गई है।


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