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योगी के मंत्री से मिले शिवपाल सिंह यादव, बंद कमरे में 10 मिनट तक हुई बातचीत

शिवपाल और राजभर के बीच हुई गुफ्तगू के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि 2019 के पहले सियासी समीकरण बदलने की एक कोशिश हो सकती है। दोनों नेता ने इस भेंट को औपचारिक मुलाकात बताया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 15 Jun 2018 03:35 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jun 2018 07:03 PM (IST)
योगी के मंत्री से मिले शिवपाल सिंह यादव, बंद कमरे में 10 मिनट तक हुई बातचीत
योगी के मंत्री से मिले शिवपाल सिंह यादव, बंद कमरे में 10 मिनट तक हुई बातचीत

वाराणसी (जेएनएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आज राजनीतिक हवा बेहद गरम हो गई। भीषण गरमी के मौसम में आज यहां समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव के साथ योगी आदित्यनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर की मुलाकात के बाद के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है। सर्किट हाउस में इस मुलाकात को दोनों नेताओं ने शिष्टाचार भेंट बताकर अफवाहों को विराम देने का प्रयास किया है।

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प्रदेश सरकार में पिछड़ा कल्याण व विकलांग कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर आज वाराणसी में हैं। इसी बीच सर्किट हाउस में शिवपाल सिंह यादव ने उनसे भेंट की। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने आज सर्किट हाउस में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव के साथ बंद कमरे में करीब दस मिनट तक वार्ता की। बाहर निकलने पर जाते वक्त शिवपाल ने ओमप्रकाश राजभर से हाथ मिला कर कहा कि अगली भेंट फिर जल्दी होगी। यूपी विधानसभा चुनावों के बाद शिवपाल भी पार्टी में उपेक्षित चल रहे हैं। शिवपाल सिंह यादव ने इसे सिर्फ और सिर्फ औपचारिक मुलाकात बताया।राजनीतक गलियारों में तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं। सबसे बड़ा कयास है कि कहीं ओमप्रकाश राजभर सपा में तो नही शामिल हो रहे। इस मसले पर नेताओं ने किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी। शिवपाल इस मुलाकात के बारे में कुछ भी बताने से टाल गए।

शिवपाल ने अखिलेश यादव के बंगले वाले मामले पर यूपी सरकार पर  निशाना साधा। शिवपाल ने कहा सूबे की योगी सरकार अखिलेश को बदनाम करने की साजिश कर रही है। मुलाकात के दौरान दोनों की गर्मजोशी से भाजपा के साथ समाजवादी पार्टी में भी हलचल बढ़ गई है। इस मुलाकात को यूपी की राजनीति की एक बड़ी मुलाकात के रूप में देखा जा रहा है। इसका एक बड़ा कारण यह कि राजभर ने मुलाकात से ठीक पहले मीडिया से बातचीत के दौरान सरकारी बंगला प्रकरण में अखिलेश यादव के प्रति साफ्ट कार्नर दिखाया।

इसके बाद समाजवादी परिवार में खींचतान और रार को उन्होंने बीते जमाने की बातें करार दिया। राजभर से महागठबंधन को लेकर बात पर उनका कहना था आप उन्हीं से पूछ लीजिए तो बेहतर होगा। अखिलेश और मायावती से गठबंधन के बारे में उन्होंने कहा कि दोनों चाय पीने बुलाते हैं अगर फ्री में चाय मिले तो क्या गलत है। वैसे 2024 तक भाजपा के साथ रहेंगे। अजगरा से अपनी पार्टी के एमएलए कैलाश सोनकर पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप पर राजभर ने कहा कि किसी पर आरोप लगा देने भर से कोई भ्रष्टाचारी नहीं हो जाता है।

शिवपाल और राजभर के बीच हुई गुफ्तगू के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि 2019 के पहले सियासी समीकरण बदलने की एक कोशिश हो सकती है। दोनों नेता ने इस भेंट को औपचारिक मुलाकात बताया है। राजभर ने कहा कि वह भाजपा के साथ हैं, लेकिन राजभर जिस तरह से अपने ही मुख्यमंत्री और सरकार के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे हैं, ऐसे में यह मुलाकात अहम मानी जा रही है। वैसे राजनीतिक जानकारों की मानें तो शिवपाल के साथ उनकी यह मुलाकात औपचारिकता से ज्यादा है। शिवपाल सिंह यादव राजनीति के बेहद माहिर खिलाड़ी हैं, और सूबे में जिस तरह का सियासी माहौल बन रहा है ऐसे में इस मुलाकात को कमतर नहीं आंका जा सकता। शिवपाल सिंह यादव बीमार चल रहे कमौली वाले नागा बाबा को देखने कल देर शाम वाराणसी आए थे। इसके बाद सुबह ही वह सर्किट हाउस पहुंचे थे।


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