Move to Jagran APP

Varanasi में कैनवास पर सजे शिव के राम, अयोध्या शोध संस्थान की ओर से कार्यक्रम आयोजित

रामायण कॉन्क्लेव के अंतर्गत आयोजित हो रहे कार्यक्रम में रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर सिगरा वाराणसी में प्रदर्शित होने के उपरान्त यह विशाल चित्र दीपोत्सव में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का अयोध्या में आकर्षण होगा उसके उपरांत यह चित्र अयोध्या शोध संस्थान में कला प्रेमियों के अवलोकनार्थ संग्रहीत रहेगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 10:09 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 01:59 PM (IST)
Varanasi में कैनवास पर सजे शिव के राम, अयोध्या शोध संस्थान की ओर से कार्यक्रम आयोजित
रामायण कान्क्लेव कला शिविर के दूसरे दिन गुरुधाम मंदिर में रामायण के प्रमुख प्रसंगों पर आधारित चित्र बनाए गए।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। अयोध्या शोध संस्थान (संस्कृति विभाग) की ओर से आयोजित त्रिदिवसीय रामायण कान्क्लेव कला शिविर के दूसरे दिन गुरुधाम मंदिर में रामायण के प्रमुख प्रसंगों पर आधारित चित्र बनाए गए। यहां 7x125 फीट की कैनवास पर प्रदेश के विभिन्न जिलों के 12 मुख्य और लगभग 40 सहयोगी कलाकारों द्वारा ऐक्रेलिक माध्यम में विभिन्न शैलियों में किया जा रहा है।

loksabha election banner

इन विषयों पर हो रहा चित्रण

श्रीराम के जन्म पर भगवान शंकर ज्योतिषी बनकर आये हैं, कागभुशुण्डि उनके शिष्य बने हैं, शिवजी पार्वतीजी को कथा सुना रहे हैं, हिमालय पर्वत पर शंकरजी सती के साथ त्रेता युग में, भगवान शिव काशी में मरने वाले को राम नाम सुनाते हैं, भगवान शिव की 1000 वर्षों तक नित्य तपस्या राम जी के दिव्य स्वरूप का दर्शन पाने के लिए, तुलसीदास जी मानस लिख रहे हैं, राम जी द्वारा शिव की पूजा, शिवजी राम की पूजा कर रहे हैं, शिव जी और राम जी परस्पर गले मिल रहे हैं, शिवजी औघड़ स्वरूप में तपस्यारत, श्रीराम जी के विवाह में शंकर जी, रामजी के दरबार में शिव उनके सामने हाथ जोड़कर खड़े हैं और प्रार्थना कर रहे हैं, भगवान राम द्वारा रामेश्वर में शिवलिंग की स्थापना आदि हैं।

शिविर में सम्मिलित कलाकार

शिविर के समन्वयक के रूप में डॉ शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ के अध्यापक डॉ अवधेश मिश्र और सहभागी कलाकार सुमित कुमार, अलीगढ़, सुरेश कुमार सौरभ, वाराणसी, निखिलेश प्रजापति, वाराणसी, आकाश गुप्ता, मऊ, शालिनी कश्यप, वाराणसी, युगेश रवि, गाजीपुर, सीमा गुप्ता, मऊ, राजीवलोचन साहू, वाराणसी, मुन्नू प्रसाद, मऊ, आजाद, मऊ, प्रियतम कुमार, आज़मगढ़ हैं।

यहां होगा प्रदर्शन

रामायण कॉन्क्लेव के अंतर्गत आयोजित हो रहे कार्यक्रम में रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर, सिगरा, वाराणसी में प्रदर्शित होने के उपरान्त यह विशाल चित्र दीपोत्सव में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का अयोध्या में आकर्षण होगा उसके उपरांत यह चित्र अयोध्या शोध संस्थान में कला प्रेमियों के अवलोकनार्थ संग्रहीत रहेगा।

कार्यशाला संयोजक डॉ सुभाष चन्द्र यादव क्षेत्रीय पुरातत्त्व अधिकारी वाराणसी ने बताया कि इस विशाल चित्र को बनाने का उद्देश्य आम दर्शकों के लिए सहज बोधगम्यता और संप्रेषण है, जो सहजता से दिल में उतर जाती है और अपना स्थायी प्रभाव छोड़ती है। ऐसे चित्र भारतवर्ष की राममयी संस्कृति का प्रतिनिधित्व पूरी दुनिया में करेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.