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गंगा में पानी कम होने की वजह से जून तक नहीं आयेंगे जलपोत, तीन महीने तक जहाज से नहीं होगी माल ढुलाई

वाराणसी में अप्रैल माह की गर्मी ने अभी से अपना तेवर दिखाना शुरू कर दिया। गंगा नदी का पानी कम हो गया है तो व्यापारियों की परेशानी बढ़ गई है। वाराणसी-गाजीपुर सीमा से सटे चंद्रावती के पास गंगा नदी में मात्र 1.4 मीटर ही जलस्तर है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 04:46 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 04:46 PM (IST)
गंगा में पानी कम होने की वजह से जून तक नहीं आयेंगे जलपोत, तीन महीने तक जहाज से नहीं होगी माल ढुलाई
अप्रैल माह की गर्मी ने अभी से अपना तेवर दिखाना शुरू कर दिया।

वाराणसी, जेएनएन। अप्रैल माह की गर्मी ने अभी से अपना तेवर दिखाना शुरू कर दिया। गंगा नदी का पानी कम हो गया है तो व्यापारियों की परेशानी बढ़ गई है। वाराणसी-गाजीपुर सीमा से सटे चंद्रावती के पास गंगा नदी में मात्र 1.4 मीटर ही जलस्तर है। अब ऐसे में लगभग तीन महीने तक यानी जून तक जलपोत से माल ढुलाई करना असंभव हो गया है।

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वाराणसी के उपनगर रामनगर के राल्हूपुर बंदरगाह से स्थानीय व्यापारियों का सामान पटना,कोलकाता के रास्ते बांग्लादेश भेजा जाता है। लगभग तीन महीने तक ढुलाई ठप होगी तो करोड़ों रुपये का नुकसान होने की संभावना है।भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने बंदरगाह का निर्माण कराया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बंदरगाह का उद्घाटन किया था। वाराणसी, पटना जलमार्ग के जरिए आसाम के साथ ही बांग्लादेश तक माल भेजना और मंगाना आसान हो गया है। साथ ही हजारों लोगों को रोजगार भी मिला है।

साथ ही माल ढुलाई संबंधी विभिन्न गतिविधिया एक ही छत के नीचे उपलब्ध होने और उनमें समन्वय से कारोबार आसान हुआ है। सबकुछ ठीक चल रहा था। गर्मी के मौसम की शुरूआत होते ही व्यापारियों के चेहरे पर मायूसी छाने लगी है। अधिकारियों की माने तो लगभग तीन महीने तक सामान को भेजने व लाने में कठिनाई होगी। उधर गंगा नदी में ड्रेजिंग का काम भी हो रहा है।ऐसे में बालू निकलेगा तो कुछ राहत जरुर मिलेगी।

बीते दिनों भी एक मालवाहक गंगा में आया तो सही लेकिन पानी कम होने से वह फंस गया। इसके बाद से ही माल वाहकों के संचालन पर संकट के बादल नजर आने लगे थे। अब नदी में पानी कम होने की वजह से तीन महीनों पर बंदरगाह के साथ ही नदी में भी कार्गो सेवाएं बाधित रहेंगी। इसकी वजह से नेशनल वाटरवे क्रमांक एक में संचालन पूरी तरह से प्रभावित रहेगा।  


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