रामनगर बंदरगाह से 16 कंटेनर में माल लेकर कोलकाता रवाना हुआ जलपोत
बंदरगाह से माल लेकर कोलकाता जा रहे टैगोर की लम्बाई 54.6मीटर तो चौडाई 9.6 मीटर है। यह रडार के माध्यम से चलता है, साथ ही आरआइएस सिस्टम भी लगा हुआ है।
वाराणसी, जेएनएन । नगर के राल्हूपुर में बने मल्टीमॉडल टर्मिनल से रवींद्र नाथ टैगोर जलपोत, कंटेनर में कार्गो की पहली खेप लेकर कोलकाता के लिए रवाना हो गया। कुछ कंटेनर तो शुक्रवार की शाम को ही पहुंच गए थे लेकिन इफको का माल फूलपुर से कंटेनर में लोड होकर आते समय गोपीगंज जाम में फंस जाने के कारण देर रात बंदरगाह पहुंचा। इसके बाद जापानी क्रेन से कंटेनर को जहाज में लोड किया गया। तत्पश्चात शनिवार की सुबह जलपोत कोलकाता के लिए रवाना हुआ।
जलपोत शुक्रवार को ही जाने वाला था लेकिन माल आने मे हुई देरी के कारण शनिवार को रवाना हो सका। इसमें इफको के 8 कंटेनर मे उर्वरक, पेप्सिको का 6 कंटेनर में खाद्य पदार्थ व बेवरेज तथा डाबर कम्पनी का 2 कंटेनर में माल जा रहा है। 12 नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने बंदरगाह का लोकार्पण किया था। हल्दिया से वाराणसी के बीच बना 1328 किमी जलमार्ग राष्ट्रीय जलमार्ग-1 है। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण का किसी नदी पर बना यह पहला जलमार्ग है।
यह है टैगौर की खासियत : बंदरगाह से माल लेकर कोलकाता जा रहे टैगोर की लम्बाई 54.6मीटर तो चौडाई 9.6 मीटर है। यह रडार के माध्यम से चलता है, साथ ही आरआइएस सिस्टम भी लगा हुआ है। जो दिशा व मार्ग को दर्शाता है। इसके अलावा जहाज पर लगे लाइट की रेंज 12 किलोमीटर दूर तक है। जिससे अन्य जहाज या कोई भी रात में देख सके। जहाज को चलाने के लिए 470 हार्सपावर का भारीभरकम इंजन लगा हुआ। प्रतिघंटे की रफ्तार 7-8 किलोमीटर है। इसकी साढ़े तीन सौ टन माल को ले जाने की क्षमता है। चलने के लिए यह केवल 2.5 मीटर डीप मे भी आसानी से परिवहन कर सकता हैं।
जिम्मेदारी किसी कंपनी को : भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के द्वारा बनाया गया राल्हूपुर मे बंदरगाह पर परिवहन की जिम्मेदारी आने वाले दिनों में किसी प्राइवेट कंपनी को दिया जा सकता है। हालांकि अभी कुछ दिनों तक विभाग के ही देखरेख मे जलपोत का संचालन किया जायेगा। चीफ कंसल्टेंट कैप्टन इंद्रवीर सोलंकी ने कहा कि आने वाले समय मे टेण्डर के माध्यम से कम्पनी का चयन किया जायेगा।