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25 नवम्बर से गूंंज उठेगी 148 दिनों से बंद पड़ी शहनाई, 11 दिसंबर के बाद चार महीने तक शुभ मुहूर्त नहीं

वाराणसी के ज्‍योतिषाचार्य पं. गणेश प्रसाद मिश्र के अनुसार इस साल जनवरी और फरवरी में ही ज्यादातर विवाह हुए हैं। मार्च में होलाष्टक के कारण मुहूर्त नहीं थे। इसके बाद कोरोना के चलते मई तक बहुत ही कम शादियां हुई।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 05:38 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 05:38 PM (IST)
25 नवम्बर से गूंंज उठेगी 148 दिनों से बंद पड़ी शहनाई, 11 दिसंबर के बाद चार महीने तक शुभ मुहूर्त नहीं
वाराणसी के ज्‍योतिषाचार्य पं. गणेश प्रसाद मिश्र के अनुसार इस साल जनवरी और फरवरी में ही ज्यादातर विवाह हुए हैं।

वाराणसी, जेएनएन। काशी के ज्‍योतिषाचार्य पं. गणेश प्रसाद मिश्र  के अनुसार इस साल जनवरी और फरवरी में ही ज्यादातर विवाह हुए हैं। मार्च में होलाष्टक के कारण मुहूर्त नहीं थे। इसके बाद कोरोना के चलते मई तक बहुत ही कम शादियां हुई। फिर अनलॉक शुरू होने के बाद 31 मई से 8 जून तक शुक्र अस्त होने से मुहूर्त नहीं थे। जून में सिर्फ सात दिन मुहूर्त था। इसके बाद 1 जुलाई को एकादशी पर देवशयन हो गया और चातुर्मास लग गया। अधिक मास की वजह से इन 5 महीनों में कोई शुभ मुहूर्त नहीं था। इतने लंबे इंतजार के बाद आखिर वो 25 नवंबर की घड़ी आ ही गई जब विवाह और अन्य मांगलिक काम शुरू हों जायेंगे। 

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नवंबर में 2 और दिसंबर में 7 दिन ही विवाह के मुहूर्त

25 नवंबर को देव प्रबोधिनी एकादशी के दिन विवाह का मुहूर्त है। देश के कई हिस्सों में इसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है। इसलिए इस दिन विवाह और हर तरह के मांगलिक काम इस दिन कर लिए जाते हैं। लेकिन ग्रंथों में इसे अबूझ मुहूर्त नहीं कहा गया है। इस बार नवंबर में 25 और 30 तारीख को विवाह के मुहूर्त रहेंगे। इसके बाद दिसंबर में 1, 7, 8, 9 और 11 तारीख को विवाह के मुहूर्त रहेंगे।

गुरु और शुक्र अस्त होने के कारण बाधा

हिंदू कैलेंडर में शादी, सगाई और अन्य मांगलिक कामों के लिए शुभ महीना, तिथि, वार, नक्षत्र और शुभ दिन का विचार किया जाता है। इन सबको देखते हुए ही मुहूर्त निकाला जाता है। इस साल विवाह और मांगलिक कामों के लिए सिर्फ नौ दिन ही शुभ मुहूर्त रहेंगे। अगले महीने देव प्रबोधिनी एकादशी यानी 25 नवंबर से विवाह और मांगलिक कामों की शुरुआत हो जाएगी। लेकिन विवाह के लिए 11 दिसंबर को साल का आखिरी शुभ मुहूर्त रहेगा। क्योंकि 15 दिसंबर से खरमास शुरू हो जाएगा। खर मास में मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं। इसलिए अब अगले साल अप्रैल में ही विवाह के मुहूर्त रहेंगे।

अगले साल अप्रैल में रहेगा पहला मुहूर्त

इस साल 15 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में आ जाने से खरमास शुरू हो जाएगा। जो कि अगले साल 14 जनवरी तक रहेगा। खरमास में विवाह के लिए मुहूर्त नहीं होते हैं। इसके बाद 19 जनवरी को गुरु अस्त हो जाएगा और 16 फरवरी तक अस्त ही रहेगा। इस दौरान भी विवाह के लिए मुहूर्त नहीं रहेंगे। फिर 16 फरवरी से 17 अप्रैल तक शुक्र अस्त रहेगा। इस कारण 11 दिसंबर के बाद अगले 4 महीने तक विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नहीं रहेंगे। इस तरह अगले साल 22 अप्रैल को पहला विवाह मुहूर्त रहेगा।


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