Move to Jagran APP

गुरु पूर्णिमा व सावन पर चंद्र ग्रहण की छाया, बदल जाएगा मंगला आरती का समय

सावन के पहले दिन की पूर्व रात्रि में लग रहे ग्रहण के कारण खास कर शिव भक्तों के लिए बाबा के दर्शन का इंतजार बढ़ जाएगा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 08 Jul 2019 11:10 AM (IST)Updated: Mon, 08 Jul 2019 11:10 AM (IST)
गुरु पूर्णिमा व सावन पर चंद्र ग्रहण की छाया,  बदल जाएगा मंगला आरती का समय
गुरु पूर्णिमा व सावन पर चंद्र ग्रहण की छाया, बदल जाएगा मंगला आरती का समय

वाराणसी [प्रमोद यादव]। आषाढ़ पूर्णिमा पर 16 जुलाई को एक ओर देश गुरु पूर्णिमा मनाएगा तो देर रात चंद्रमा ग्रहण से जूझता नजर आएगा। इससे सूतक के कारण शाम के बाद गुरु पूजा के विधान प्रभावित होंगे और 17 जुलाई की भोर में बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर समेत देवालयों में मंगला आरती का समय बदल जाएगा।

loksabha election banner

सावन के पहले दिन की पूर्व रात्रि में लग रहे ग्रहण के कारण खास कर शिव भक्तों के लिए बाबा के दर्शन का इंतजार बढ़ जाएगा। सोलह जुलाई की देर रात 1.31 बजे ग्रहण का स्पर्श होगा, मध्य रात तीन बजे व मोक्ष 17 की भोर 4.30 बजे होगा।

श्रीकाशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री ख्यात ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार संपूर्ण भारत में दृश्यमान खंड ग्रास चंद्र ग्रहण की पूर्ण अवधि दो घंटा 59 मिनट व ग्रासमान .6531 होगा। यह धनु राशि व उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में होगा। भारत में चंद्रास्त 17 की भोर 5.25 बजे होगा। वर्ष 2019 में विश्व पटल पर पांच ग्रहण हैं। इसमें भारत में सिर्फ दो ही दृश्यमान होंगे। प्रथम आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा मंगलवार 16- 17 जुलाई को खंड ग्रास चंद्रग्रहण और दूसरा पौष कृष्ण अमावस्या गुरुवार 26 दिसंबर को खंड सूर्य ग्रहण होगा। इसे अन्य देशों में भी देखा जा सकेगा।

आठ घंटे पहले सूतक विधान

धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि 'सूर्यग्रहे तु नास्नियात् पूर्वम् याम् चतुष्टयम्। चंद्रग्रहे तु याम्स्त्रिन बाल वृद्धा तुरैबिना।।' अर्थात सूर्य ग्रहण में 12 घंटे पूर्व व चंद्र ग्रहण में आठ घंटे पूर्व सूतक काल लग जाता है। इस समय में मूर्ति स्पर्श व बाल वृद्ध रोगी को छोड़ कर सभी को भोजन निषिद्ध बताया गया है। ग्रहण के दौरान भी देव विग्रह स्पर्श निषेध किया गया है।

मठ-मंदिरों में नए सिरे से खींचा जाने लगा दर्शन-पूजन का खाका

गुरु पूर्णिमा की रात से लेकर सावन की पूर्व रात्रि में भोर तक चंद्रग्रहण को देखते हुए मठों-मंदिरों में दर्शन-पूजन को लेकर नए सिरे से खाका खींचा जाने लगा है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के एसडीएम विनोद सिंह के अनुसार सावन के पहले दिन पूर्व रात्रि में शयन आरती व मंगला आरती को लेकर विमर्श किया जा रहा है। अब इसके बारे में जल्द ही नई समय सारणी सार्वजनिक कर दी जाएगी।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.