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ब्रिटिश काल की सीवर लाइन को मिली 66 लाख की संजीवनी, शहर में 90 वार्ड से गुजरी 839 किलोमीटर की सीवर लाइन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में ब्रिटिश काल की पुरानी सीवर लाइन में हो रही सीवर ओवरफ्लो की समस्या को दूर करने के लिए शासन ने 66 लाख रुपये की संजीवनी भेजी है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 08:16 PM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 07:45 AM (IST)
ब्रिटिश काल की सीवर लाइन को मिली 66 लाख की संजीवनी, शहर में 90 वार्ड से गुजरी 839 किलोमीटर की सीवर लाइन
ब्रिटिश काल की सीवर लाइन को मिली 66 लाख की संजीवनी, शहर में 90 वार्ड से गुजरी 839 किलोमीटर की सीवर लाइन

वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में ब्रिटिश काल की पुरानी सीवर लाइन में हो रही सीवर ओवरफ्लो की समस्या को दूर करने के लिए शासन ने 66 लाख रुपये की संजीवनी भेजी है। साथ में छह माह के अंदर समस्या का समाधान करने के लिए चेतावनी भी संलग्न की है।

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शासन का सख्त मिजाज देख महाप्रबंधक जलकल नीरज गौड़ की निगरानी में जवाबदेही भरा फार्मेट तैयार हो रहा है। इसके मूल में जलकल विभाग के जेई को शामिल किया गया है। विभाग के पास वर्तमान में 11 जेई हैं जिनके अधीन 10-10 सफाई कर्मियों को नियुक्त किया गया है। ये सफाई कर्मी आउट सोर्स से लिए गए हैं। प्रत्येक जेई को एक माह में एक लाख रुपये दिया जाएगा। इसके तहत मैन पावर के साथ ही संसाधनों का इंतजाम होगा। शहर 839 किलोमीटर की सीवर लाइन है जो 90 वार्ड से गुजरी है।

शाही नाला की सफाई, बिगड़े हालात

इस माह की शुरुआत में प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार बनारस आए थे। तीन दिनी प्रवास के दौरान वे सीवर समस्या से दो-चार हुए थे। जब वे समस्या के मूल में गए तो मालूम हुआ कि शाही नाला की सफाई के दौरान उससे सीधे तौर पर मिलने वाली बॉडी लाइनों को बंद कर दिया गया है जिसे अब मैनहोल से जोड़कर शाही नाला से मिलाने की तैयारी है।

66 काम का बनाया गया प्रस्ताव

बॉडी लाइनों को मैनहोल के माध्यम से शाही नाला में मिलाने के साथ ही छोटे-बड़े कुछ 66 कामों का प्रस्ताव तैयार किया गया है। जलकल विभाग का दावा है कि ये कार्य करा दिए गए तो नगर में सीवर ओवरफ्लो की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। 

बोले अधिकारी : 'छह माह तक प्रत्येक जेई को एक-एक लाख रुपये प्रति माह के हिसाब से दिया जाएगा। इस धनराशि में उनको मैन पावर के साथ ही संसाधनों का इंतजाम कर सीवर ओवरफ्लो की समस्या को दूर करना होगा, जैसा कि शासन का निर्देश मिला है।'

-नीरज गौड़, महाप्रबंधक जलकल।


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