गंगा में वाराणसी के सीवेज का हो रहा संगम, बाढ़ के चलते लिफ्टिंग पंप डूबे, एसटीपी तक नहीं पहुंच रहा मलजल
गंगा निर्मलीकरण की पूरी कवायद काशी में ध्वस्त नजर आ रही है। बाढ़ के चलते नालों का सीवेज गंगा किनारे बने लिफ्टिंग पंप तक पहुंच ही नहीं पा रहे हैं।
वाराणसी [विनोद पांडेय]। गंगा निर्मलीकरण की पूरी कवायद काशी में ध्वस्त नजर आ रही है। बाढ़ के चलते नालों का सीवेज गंगा किनारे बने लिफ्टिंग पंप तक पहुंच ही नहीं पा रहे हैं। लिहाजा शहर से निकलने वाला 300 एमएलडी से अधिक सीवेज नालों के जरिए सीधे गंगा में समा जा रहा है। गंगा का जलस्तर अधिक होने के चलते लिफ्टिंग पंप पानी में डूबने की वजह से काम ही नहीं कर रहे हैं।
प्रख्यात पर्यावरण वैज्ञानिक और महामना मालवीय गंगा शोध केंद्र-बीएचयू के चेयरमैन प्रो. बीडी त्रिपाठी बताते हैं कि इन दिनों गंगा में सहायक नदियों वरुणा और असि सहित छोटे-बड़े करीब 30 नालों का गंगा पानी बिना किसी ट्रीटमेंट के सीधे जा रहा है। गंगाजल को काशी से सर्वाधिक प्रदूषण मिल रहा है।
वर्ष पर्यंत प्रतिदिन 40 एमएलडी सीवेज गंगा में
रिकार्ड के मुताबिक वाराणसी में प्रतिदिन 360 एमएलडी सीवेज निकलता है। यहां पांच एसटीपी क्रियान्वित हैं। इससे बाढ़ से पूर्व तक 320 एमलडी सीवेज शोधित करने का दावा किया जाता है। शहर दक्षिणी छोर पर एसटीपी न होने से वर्ष पर्यंत नगवां नाले से 40 एमलडी मलजल प्रतिदिन गंगा में जाता है। पिछले दिनों कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने इसी नाले का वीडियो ट्वीटर से लेकर फेसबुक तक पर शेयर कर गंगा निर्मलीकरण पर सवाल भी उठाया था।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी उठाता रहा है सवाल
बाढ़ से ठीक पहले उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बनारस में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की शोधन क्षमता पर सवाल उठाया था। बोर्ड का कहना था कि मानक के अनुरूप एसटीपी का क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। इस रिपोर्ट के आधार पर एनजीटी ने पर्यावरणीय क्षति के लिए जुर्माना लगाने की तैयारी भी की है।
बोले अधिकारी : बाढ़ में लिफ्टिंग पंप डूब गए हैं। इस कारण कई नालों का सीवेज सीधे गंगा में जा रहा है। लोग चाहे जो दावे करें लेकिन हमारे रिकार्ड के मुताबिक इन दिनों सिर्फ छह नालों से करीब 80 एमएलडी सीवेज गंगा में मिल रहा है। -एसके वर्मन, परियोजना प्रबंधक, गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई।
बाढ़ में डूबे ये पंप
-डा. आरपी घाट
-जलासेन घाट
-त्रिलोचन घाट
-मानसरोवर घाट
-हरिश्चंद्र घाट