सुरक्षा व्यवस्था : फटने से पूर्व ही 'टाइम बम' ढूंढ लेंगे खोजी कैमरे, स्पेशल सिक्योरिटी प्लान अंतर्गत लगेंगे सेंसरयुक्त खुफिया कैमरे
अब खुफिया कैमरे फटने से पूर्व टाइम बम को ढूंढ निकालेंगे। स्पेशल सिक्योरिटी प्लान के तहत रेलवे सुरक्षा बल प्रशासन महत्वपूर्ण स्टेशनों पर जल्द सेंसरयुक्त कैमरे लगाने जा रहा है।
वाराणसी [राकेश श्रीवास्तव]। अब खुफिया कैमरे फटने से पूर्व 'टाइम बम' को ढूंढ निकालेंगे। स्पेशल सिक्योरिटी प्लान के तहत रेलवे सुरक्षा बल प्रशासन महत्वपूर्ण स्टेशनों पर जल्द सेंसरयुक्त कैमरे लगाने जा रहा है। फेस डिटेक्टर कैमरे के बाद आरपीएफ के इस नए कदम को यात्री सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
यूं काम करेगा सेंसरयुक्त कैमरा
कैमरा सेंसरयुक्त होगा। इसकी खासियत एक स्थान पर पांच से 10 मिनट तक पड़े किसी संदिग्ध सामान को ढूंढने एवं अलर्ट जारी करने की होगी। हालांकि, समयावधि सुरक्षा एजेंसियां जरूरत अनुसार तय करेंगी। कंट्रोल रूम और एजेंसियों के पास बचाव करते हुए ऑपरेशन के लिए समय रहेगा। ऐसे में घटनाओं की आशंका कम रहेगी।
यात्रियों को होगा दोहरा लाभ
रेलवे स्टेशनों पर सेंसरयुक्त कैमरा लगाने की योजना जमीन पर उतरी तो दोहरा लाभ यात्रियों को होगा। कैमरा एक स्थान पर लावारिस पड़ी अटैची, बैग, कुकर इत्यादि के बारे में कंट्रोल के लिए अलर्ट जारी करेगा। पड़ताल में सुरक्षा एजेंसियां तय करेंगी संदिग्ध सामान आखिर में क्या है? किसी का सामान छूटा है तो मिल जाएगा।
कैंट स्टेशन पर हुआ था ब्लास्ट
कैंट रेलवे स्टेशन पर वर्ष 2006 में सात मार्च को ब्लास्ट हुआ था। उस घटना में 11 लोगों की जान गई थी। उस समय रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के मुकम्मल इंतजाम नहीं थे। 12 वर्षों बाद फेस डिटेक्टर लगने जा रहे हैं। सेंसर कैमरे लगना भी प्रस्तावित है। ऐसे में आतंकी व आपराधिक घटनाएं रोकी जा सकेंगी। इस बारे में आरपीएम के महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा कि रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा को कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। महत्वपूर्ण स्टेशनों पर सेंसरयुक्त कैमरे लगाए जाने हैं। फेस डिटेक्टर लगाने का काम शुरू हो गया है, उसका दूसरा चरण टाइम सेंसर खुफिया कैमरों के लगाने का है।