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#पड़ताल : लुटेरों के निशाने पर बैंक, सो रही पुलिस, किसी भी बैंक पर नहीं दिखे सुरक्षाकर्मी

चौबेपुर के मुनारी में यूनियन बैंक में लूट की घटना भले ही नाकाम हो गई लेकिन इस वारदात से बैंकों में जनता के धन की सुरक्षा में लापरवाही सामने आ गई।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 08:47 PM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 07:05 AM (IST)
#पड़ताल : लुटेरों के निशाने पर बैंक, सो रही पुलिस, किसी भी बैंक पर नहीं दिखे सुरक्षाकर्मी
#पड़ताल : लुटेरों के निशाने पर बैंक, सो रही पुलिस, किसी भी बैंक पर नहीं दिखे सुरक्षाकर्मी

वाराणसी, जेएनएन। चौबेपुर के मुनारी में यूनियन बैंक में लूट की घटना भले ही नाकाम हो गई लेकिन इस वारदात से बैंकों में जनता के धन की सुरक्षा में लापरवाही सामने आ गई। घटना के वक्त बैंक पर कोई सुरक्षा नहीं थी। किसी गार्ड की तैनाती है नहीं और पुलिस भी नदारद थी। हकीकत यह है कि शहर हो या ग्र्रामीण बैंक, निजी गार्ड भले ही तैनात हों लेकिन ड्यूटी लगाने के बावजूद पुलिसवाले बैंक नहीं जाते। रात में तो बैंक भगवान भरोसे रहते हैं। पिछले दिनों रोहनिया, कैंट, कपसेठी इलाके में रात में बैंकों में चोरी की कोशिश हो चुकी है। चौबेपुर में बैंक लूट की कोशिश के बाद जागरण टीम ने बैंकों की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। शहर के कोतवाली, चौक, चेतगंज, रथयात्रा, सिगरा में बैंकों में निजी सिक्योरिटी गार्ड तो दिखे लेकिन पुलिस कहीं भी नजर नहीं आई। पंजाब नेशनल बैंक की नीचीबाग शाखा में तीन बजे न तो पुलिसकर्मी था और न कोई सिक्योरिटी गार्ड। उधर, बड़ागांव में तीन बैंक में होमगार्ड और निजी गार्ड दिखे पर दो बैंक में कोई भी सुरक्षा नहीं थी। 

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सारनाथ के काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक में पिछले चार दिन से एक सिपाही तक नहीं गया। बैंक कर्मियों ने बताया कि चार दिन से पुलिस ने बैंक का निरीक्षण तक नहीं किया। आशापुर में भारतीय स्टेट बैंक में भी गुरुवार को कोई पुलिसकर्मी नहीं दिखा। आशापुर के सेंट्रल बैंक व यूनियन बैक पर भी कोई पुलिसकर्मी या होमगार्ड नही था। पता चला कि इधर कई दिनों से पुलिस टीम ने दिन में बैंक पर पहरा ही नहीं दिया। पिंडरा बाजार में गुरुवार को बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक, काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक पर कोई सुरक्षा नहीं दिखी। पता चला कि थाने से ड्यूटी लगती है लेकिन पुलिसवाले बैंक की बजाय कहीं और निकल जाते हैं। 

जंसा और कपसेठी में 15 बैंक हैं जहां पुलिस का दावा है कि होमगार्ड और सिपाहियों की तैनाती की जाती है लेकिन असल में पुलिसवाले एक बार बैंक तक जाकर अपने काम पर निकल जाते हैं। 

चोलापुर स्थित काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक में गुरुवार दोपहर कोई सुरक्षा नहीं दिखी। उधर, रामनगर में आठ बैंक हैं जिनमें सीसीटीवी कैमरे, अग्निशमन यंत्र लगे हैं। निजी सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती है। हालांकि गुरुवार को दोपहर किला रोड स्थित बैंक आफ बड़ौदा में न कोई सिपाही था और न ही निजी सुरक्षाकर्मी।

बोले पुलिस अधिकारी : सभी बैंकों पर दिन में पुलिस की गश्त रहती है। ज्यादातरों बैंकों के बाहर पुलिस की पिकेट लगती है या होमगार्ड तैनात किए जाते हैं। अगर इसमें लापरवाही की जा रही है तो नए सिरे से समीक्षा होगी। बैंक को भी गार्ड तैनात करना चाहिए। -आनंद कुलकर्णी, एसएसपी।


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