रेलवे की सीटिंग अरेंजमेंट से यात्रियों का सिर चकराया, टिकट पर विंडो सीट के नाम पर मिल रहा धोखा
भारतीय रेल सुखद और मंगलमय यात्रा की सिर्फ कामना भर ही कर रही है। यात्रियों को दुश्वारी देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा जा रहा है।
वाराणसी [राकेश श्रीवास्तव]। भारतीय रेल सुखद और मंगलमय यात्रा की सिर्फ कामना भर ही करती नजर आती है। यात्रियों को दुश्वारी देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा जा रहा है। ऐसा ही मामला गोंडा-वाराणसी इंटरसिटी (14214) में सोमवार को सामने आया। जहां एकमात्र वातानुकूलित चेयरकार में सीटिंग अरेंजमेंट में एक एक सीट का क्रम आगे- पीछे कर दिया गया। लिहाजा जिन्होंने विंडो सीट बुक कराई थी उनको बीच वाली सीट मिल गई। यात्रियों को ट्रेन में जमीनी दुश्वारियां दिखीं तो उनका सिर भी चकरा गया।
गोंडा से चलकर कैंट जंक्शन पहुंचने वाली ट्रेन की चेयरकार में पेंटिंग कर सीटों का क्रमांक बदल दिया गया। रेलवे ने बोगी में नई व्यवस्था बनाई मगर यह सिस्टम में अपडेट नहीं हुआ। यात्रियों को भी जानकारी देने की जरूरत विभाग की ओर से नहीं समझी गई। दूसरी ओर आनलाइन शिकायत पर भी कोई समाधान नहीं निकल सका। ज्यादा दिन नहीं बीते जब आनलाइन टिकट पर मिलने वाली छूट खत्म होने से किराया भी बढ़ गया है। ऐसे में रेलवे की लापरवाही यात्रियों के लिए किसी सिरदर्द से कम नहीं।
लोग पसंद करते हैं विंडो सीट
अमूमन ट्रेन में सफर करने वाले लोग विंडो सीट ही लेना पसंद करते हैं लिहाजा आनलाइन बुकिंग के समय विंडो सीट का विकल्प ही अधिक भरा जाता है। लोग रेल की बोगी से बाहर की दुनिया को देखने की इच्छा से विंडो सीट की डिमांड करते हैं। वहीं ट्रैवल राइटर और ट्रैवल ब्लागिंग से जुड़े लोगों के अलावा रेल अनुभवों को साझा करना पसंद करने वाले लोग भी विंडो सीट की अपेक्षा रखते हैं। ऐसे में बिना सूचना सीटिंग अरेंजमेंट बदलने से ऐसे लोगों को रेलवे की व्यवस्था निराश कर रही है।
अधिकारी सिर से टालते रहे जिम्मा
ट्रेन में सीटिंग अरेंजमेंट की शिकायत एक यात्री ने रेल मंत्री सहित सभी अधिकारियों को ट्वीट कर शिकायत की। डीआरएम लखनऊ ने ट्वीट का को संज्ञान में लेने के बाद उसे निस्तारण को दूसरे अफसर के पास भेज दिया। उस अधिकारी आइआरसीटीसी को शिकायत अग्रसारित कर दी, जो वहां अटकी पड़ी है।