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Durga Puja Pandal Fire In Bhadohi : 51 एंबुलेंस से झुलसे मरीजों को पहुंचाया गया अस्पताल, कर्मी रहे अलर्ट

Durga Puja Pandal Fire औराई के नरथुआं में पूजा पंडाल में लगी आग से झुलसे 73 लोगों को 51 एंबुलेंस से बीएचयू वाराणसी व स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल प्रयागराज पहुंचाया गया। 20 एंबुलेंस 102 व 21 एंबुलेंस 108 के अलावा मीरजापुर से 10 एंबुलेंस मंगाकर अस्पताल पहुंचाया गया।

By Vibhuti Narayan DubeyEdited By: Anurag SinghPublished: Mon, 03 Oct 2022 05:20 PM (IST)Updated: Mon, 03 Oct 2022 05:20 PM (IST)
Durga Puja Pandal Fire In Bhadohi : 51 एंबुलेंस से झुलसे मरीजों को पहुंचाया गया अस्पताल, कर्मी रहे अलर्ट
बीएचयू स्थित सुपर स्पेशि‍यालिटी सेंटर के इमरजेंसी वार्ड के बाहर लगी एंबुलेंस की लाइन।

भदोही, जागरण संवाददाता। औराई के नरथुआं में पूजा पंडाल में लगी आग से झुलसे 73 लोगों को 51 एंबुलेंस से बीएचयू वाराणसी व स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल प्रयागराज पहुंचाया गया। एंबुलेंस जिला प्रभारी अभिजीत सिंह ने बताया कि 20 एंबुलेंस 102 व 21 एंबुलेंस 108 के अलावा मीरजापुर से 10 एंबुलेंस मंगाकर मरीजों को अस्पताल पहुंचाया गया। घटना की जानकारी होते ही सभी एंबुलेंस कर्मियों को अलर्ट कर दिया गया था। प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देश पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र औराई, महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल ज्ञानपुर व घटना स्थल पर एंबुलेंस उपलब्ध कराई गई।

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सेवा निवृत्त स्वास्थ्य कर्मी ने भी निभाया मानव धर्म

पूजा पंडाल में आग की घटना की सूचना होते ही महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल के इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों को अलर्ट कर दिया था। अस्पताल प्रशासन की ओर से शाम को घर चले गए आस-पास के स्वास्थ्य कर्मियों को भी झुलसे लोगों को लेकर अस्पताल पहुंचने से पहले बुलाकर मुस्तैद कर दिया गया। अस्पताल में परिवार के साथ रह रहीं सेवा निवृत्त स्वास्थ्य कर्मी संध्या मिश्र भी इमरजेंसी में चिकित्सकों व कर्मियों के साथ उपचार व्यवस्था में जुट गईं। जैसे-जैसे एंबुलेंस अस्पताल पहुंचने लगी अस्पताल के चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों संग वह भी उपचार में जुटी रहीं।

बर्न यूनिट चालू न होने से बढ़ी परेशानी

झुलसे लोगों के इलाज को जिले में बनकर तैयार बर्न यूनिट चालू न होने की कमी खूब खली। साल 2008 में शुरू किया गया निर्माण कार्य तीन साल पहले पूरा हो चुका है। अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए संसाधन व एसी भी लगा है। कार्यदायी संस्था की ओर से स्वास्थ्य विभाग को रेफर भी किया जा चुका है। लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते दो करोड़ की लागत से बना यह अस्पताल झुलसे लोगों के काम नहीं आ रहा। इस वजह से हादसे में झुलसे लोगों को वाराणसी व प्रयागराज के अस्पतालों में रेफर करने की विवशता रही।


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