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सूची में नाम, फिर भी दाखिले में हीलाहवाली, अभिभावक परेशान, लगा रहे दफ्तरों की दौड़

राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिले के लिए 8227 बच्चों का चयन हुआ है।

By Vandana SinghEdited By: Published: Thu, 02 May 2019 05:45 PM (IST)Updated: Fri, 03 May 2019 10:02 AM (IST)
सूची में नाम, फिर भी दाखिले में हीलाहवाली, अभिभावक परेशान, लगा रहे दफ्तरों की दौड़
सूची में नाम, फिर भी दाखिले में हीलाहवाली, अभिभावक परेशान, लगा रहे दफ्तरों की दौड़

वाराणसी, जेएनएन। राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिले के लिए 8227 बच्चों का चयन हुआ है। चयनित बच्चे संबंधित विद्यालयों में पांच मई तक दाखिला कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वहीं तमाम निजी विद्यालय मुफ्त दाखिला लेने में हीलाहवाली कर रहे हैं। बच्चों को दौड़ा रहे हैं। कुछ अभिभावकों ने इसकी शिकायत बीएसए दफ्तर में भी की है। 

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विद्यालय प्रबंधन का कहना है कि शासन की ओर से प्रति बच्चा महज 450 रुपये शुल्क प्रतिपूर्ति निर्धारित है। वह भी दो-दो साल में शुल्क प्रतिपूर्ति मिल रहीं है। जबकि शिक्षकों को वेतन हर माह देना होता है। वहीं कई विद्यालयों में नियमों से इतर बच्चों का अधिक आवंटन कर दिया गया है। इस मामले में शिकायत करने के बावजूद कोई बीएसए कार्यालय मौन है।

आरटीई के जिला नोडल अधिकारी जेपी सिंह ने स्वीकार किया कि कुछ विद्यालय अलाभित समूह के बच्चों का मुफ्त दाखिला लेने में हीलाहवाली कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आटीई के नियमों के अनुसार सभी निजी विद्यालयों को सीट के सापेक्ष 25 फीसद दाखिला गरीब बच्चों का अनिवार्य रूप से लेना है। उन्होंने दाखिला न लेने पर संबंधित विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है।   

ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को सूची का इंतजार

  ग्रामीण क्षेत्र के 350 विद्यालयों में दाखिले के लिए अब तक सूची नहीं जारी हो सकी है। इसके लिए तमाम अभिभावक ब्लाकों का चक्कर काट रहे हैं। हालांकि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों के आवेदन का भी सत्यापन शुरू कर दिया गया है। सूची सप्ताहभर के भीतर जारी होने की संभावना है। 


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