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    सफाईकर्मी दंपती को घंटे भर के अंदर बहाल करें- SC, बाल तस्करी के खिलाफ याचिका दायर करने पर हुए थे बर्खास्त

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 10:32 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को बाल तस्करी का मामला उठाने पर बर्खास्त किए गए सफाई कर्मी दंपती को तुरंत बहाल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने देशभ ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया कि बाल तस्करी का मामला अदालत में उठाने की वजह से नौकरी से निकाले गए सफाई कर्मी दंपती को घंटे भर के अंदर बहाल किया जाए।

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    अन्यथा संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी। ये ठेके पर काम करनेवाले सफाईकर्मी हैं, जिन्हें ठेकेदार ने नौकरी से निकाल दिया था।

    कोर्ट ने सरकारी वकील को मौके पर ही फोन करके संबंधित अधिकारी को आदेश के बारे में अवगत कराने और कार्रवाई से अपडेट करने को भी कहा। सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में बढ़ रहे बाल तस्करी के मामलों पर भी चिंता जताई और देशभर के उच्च न्यायालयों से इस पर स्थिति रिपोर्ट भी तलब की है।

    न्यायमूर्ति जेबी पार्डीवाला और केवी विश्वनाथन की पीठ को वरिष्ठ वकील और एमिकस क्यूरी अपर्णा भट ने बताया कि पीडि़ता पिंकी ने आरोप लगाया था कि उसे और उसके पति को ठेकेदार ने नौकरी से निकाल दिया। पीठ ने कहा कि ये अजीब है कि किसी ने अदालत का रुख किया तो उससे अधिकारी नाराज हो जाएं। यह तो उनके संवैधानिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन है।

    अदालत में आना कोई अपराध नहीं है। गरीब व्यक्ति जब कोर्ट में आता है, तो उसे सुरक्षा मिलनी चाहिए, न कि प्रताड़ना। पीठ ने कहा कि हम इसे हल्के में नहीं लेंगे। क्या था मामला पीडि़ता ¨पकी के सालभर के बच्चे को अंतरराज्यीय बाल तस्कर गिरोह चुरा ले गया था। मामले में 30 अप्रैल, 2023 को एफआइआर दर्ज कराई गई। इस मामले में तमाम गिरफ्तारियां हुईं, लेकिन आरोपितों को इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिल गई।

    इसे ¨पकी व अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर हाई कोर्ट पर नाराजगी जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल को सभी 13 आरोपितों की जमानत रद कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपितों को जमानत नहीं दी जानी चाहिए थी। कोर्ट ने कहा कि किसी के भी जीवन में स्वतंत्रता का बड़ा महत्व है, लेकिन इसे उन लोगों के लिए नियंत्रित और प्रतिबंधित रखा गया है, जो दूसरों के जीवन और स्वतंत्रता को खतरे में डालते हैं।

    बाल तस्करी पर सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख सुप्रीम कोर्ट ने बाल तस्करी के बढ़ते मामलों पर ¨चता जताते हुए देशभर की उच्च न्यायालयों को ये सुनिश्चित करने को कहा है कि ट्रायल कोर्ट छह महीने में सुनवाई जरूर पूरी कर लें। कोर्ट ने उच्च न्यायालयों को कोर्ट के आदेश के परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिक विवरणों के साथ स्थिति रिपोर्ट फाइल करने को कहा है। कोर्ट शीतकालीन अवकाश के उपरांत इस मामले पर सुनवाई करेगी।