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सावन के पहले साेमवार पर काशी विश्‍वनाथ मंदिर में उमड़ा आस्‍था का अपार जन सैलाब

बाबा भोले की नगरी काशी में द्वादश ज्‍योर्तिलिंगों में शामिल काशी विश्‍वनाथ मंदिर में तड़के मंगला आरती के बाद सावन के पहले सोमवार पर आस्‍था का सागर उमड़ पड़ा।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 22 Jul 2019 09:50 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jul 2019 08:12 AM (IST)
सावन के पहले साेमवार पर काशी विश्‍वनाथ मंदिर में उमड़ा आस्‍था का अपार जन सैलाब
सावन के पहले साेमवार पर काशी विश्‍वनाथ मंदिर में उमड़ा आस्‍था का अपार जन सैलाब

वाराणसी, जेएनएन। बाबा भोले की नगरी काशी में द्वादश ज्‍योर्तिलिंगों में शामिल काशी विश्‍वनाथ मंदिर में तड़के मंगला आरती के बाद सावन के पहले सोमवार पर आस्‍था का सागर उमड़ पड़ा। लाखों की भीड़ हर हर महादेव और आेम नम: शिवाय का जाप करते बाबा के दरबार में जलाभिषेक के लिए पहुंची। बाबा के भक्‍तों ने विविध स्‍वांग रचकर डमरु के धुन पर नाचते गाते और हर हर महादेव का नारा लगाते बाबा दरबार पहुंचकर प्राचीन परंपराओं का निर्वहन किया। सभी शिवालयों में शिव भक्‍तों की दिनभर भीड़ रही। पहले सोमवार को जलाभिषेक के लिए भक्‍तों की कतार मंदिरों के बाहर लगी रही। शाम पांच बजे तक दो लाख कावरियों ने बाबा के दर्शन किए। इस दौरान 12 डाक बम भी बाबा दरबार पहुंचे। सोमवार रात तक शिवभक्‍तों की भीड़ रही।

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देर रात से भक्तों की भीड़ इतनी कि मंदिर परिसर में पहली बार जिगजैग की व्यवस्था के बाद भी करीब पांच किलोमीटर क्षेत्र में कतार लगी। गंगा घाट से लेकर बाबा दरबार और गोदौलिया -मैदागिन के पार तक का इलाका कांवरियों के भाव से केसरिया नजर आया। रात से लगी कतार, मंगला आरती के बाद दर्शन पूजन का क्रम शुरू हुआ और श्रद्धा भक्ति के अनुष्ठान ने शिखर छू लिया छू लिया। वहीं दोपहर बारह बजे तक लगभग दो लाख लोगों ने दर्शन कर लिया। सारंगनाथ मंदिर, मार्कंडेय महादेव, रामेश्वर महादेव, शूलटंकेश्वर महादेव समेत शहर से गांव तक के शिवालयों में दर्शन-जलाभिषेक के लिए भक्तों की लंबी-लंबी कतार लगी है। यहां पर बाबा दरबार में जलाभिषेक के लिए एक दिन पहले ही कांवरियों के जत्थे आने शुरू हो गये थे। 

कांवडियों का दल जहां रात से ही बाबा दरबार की चौखट पर कतारबद्ध था वहीं दूर दराज से आए आस्‍थावानों ने भी बाबा की चौखट पर हाजिरी लगाकर मन्‍नत मांगी। इस दौरान लाखों लोगों ने बाबा दरबार में हाजिरी लगाकार पुण्‍य की कामना की और गंगा में डुबकी लगाकर सावन के पहले सोमवार पर दान पुण्‍य किया। वहीं घाट पर गंगा में जल बढाव को देखते हुए सुरक्षा के लिए जल पुलिस की भी विशेष तैनाती की गई है। वहीं सावन के पहले सोमवार पर बाबा दर्शन को जा रहे यादव बन्धुओं ने प्रशासन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए व्यवस्था सही नहीं होने और अधिक भीड़ जमा होने की बात कही। 

मंगला आरती के दौरान इस बार सावन के पहले सोमवार पर टिकटधारियों को विशेष सहूलियत दी गई। वहीं भारी भीड़ के कारण वीआइपी लोगों की हनक नहीं नजर आई। वहीं तडके होने वाली मंगला आरती में 500 से अधिक भक्तों ने बाबा की आरती निहारी और बाबा के दर्शन कर धन्‍य हुए। वहीं गंगा घाट से लेकर बाबा दरबार तक आस्‍थावानों की भीड़ तड़के से लगी वह और लंबी होती चली गई। भक्‍तों ने भी शिव गणों का स्‍वांग धरा और निकल पड़े बाबा के दर्शन पूजन के लिए।

सावन के पहले सोमवार पर बाबा के दर्शन को भक्त गण रेड कारपेट पर से होकर गुजरे। मंदिर प्रशासन की ओर से बैरिकेडिंग में लाल मैटिंग बिछाने के साथ ही जगह-जगह पीने के पानी की भी व्यवस्था की गई है। मंदिर से जुड़ी सड़कों व गलियों को एक दिन पहले ही दुरूस्त किया जा चुका है। रविवार को मंदिर की साज सज्जा के साथ ही बाबा की तांडव मुद्रा में जगह-जगह कटआउट भी लगा दिए गए। सीईओ विशाल सिंह के अनुसार बाबा भक्तों को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए पूरी तैयारी की गई है।   

वहीं सावन के पहले सोमवार को परंपरागत तरीके से यादव बंधु भी बाबा दरबार में जलाभिषेक के लिए पहुंचे तो दिव्‍य माहौल नजर आया। जबकि विभिन्‍न स्‍वांग धरे बाबा के गणों का रुप लेकर भी आस्‍थावान बाबा दरबार में दर्शन पूजन के लिए पहुंचे तो बाबा दरबार शिवमय नजर आने लगा। चारों दिशाओं से आस्‍था का ज्‍वार गंगा तट अौर बाबा दरबार में उतरा तो सावन मानो शिव की भक्ति में रमा हुअा नजर आने लगा।

सावन के पहले साेमवार को भारी भीड़ की वजह से काशी विश्वनाथ गली की दुकानें बन्द रहीं। भीड़ व रास्ते बंद होने के चलते प्रशासन ने व्यपारियों से बात की थी ताकि कानून व्‍यवस्‍था के साथ ही आस्‍थावानों को दुश्‍वारी न उठानी पड़े। इसके लिए दुकान बंद करने के निवेदन पर व्यापारी वर्ग मान गये और सुबह गली में दुकानें बंद रहीं। इसकी वजह से गलियाें में न तो खरीदार नजर आए और न ही काबोबारी। जिसकी वजह से दर्शनार्थियों को भी गलियों में इस बार दुश्वारी नहीं झेलनी पड़ी और सुरक्षा कारणों से कारोबारियों और पुलिस कर्मियों के बीच भी विवाद की स्थिति नहीं आई।

वहीं पूर्वांचल के विभिन्‍न मंदिरों के अलावा काशी के प्रसिद्ध अन्‍य शिव मंदिरों में भी आस्‍था का सावन चरम पर नजर आया और लोगों ने सुबह से ही जलाभिषेक कर शिव को समर्पित मास पर व्रत और अनुष्‍ठान की परंपरा का भी निर्वहन किया। सुबह से ही काशी शिवमय नजर आने लगी तो दिन चढ़ते ही आस्‍था का रेला और भी बढ़ता गया। चारों दिशाओं में हर हर महादेव का नारा और ओम नम: शिवाय से मंदिर और शिवालय गूंजते रहे।

वहीं सावन के पहले साेमवार पर आस्‍थावानों की सुरक्षा के लिए चाक चौबंद व्‍यवस्‍था की गई थी। गंगा घाट पर जल पुलिस से लेकर गर्भ गृह तक सुरक्षा कर्मी कांवडियों की और बाबा के भक्‍तों के मार्ग दर्शन और सुरक्षा के लिए लगे रहे। वहीं बैरिकेडिंग के पास सुरक्षा के लिए अतिरिक्‍त बलों की तैनाती एक दिन पूर्व ही कर दी गई। प्रशा‍सनिक अधिकारी भी मौके पर चक्रमण करते रहे। डाक बम कांवडियों के लिए एक लेन सुरक्षित रखी गई ताकि उनको सीधे बाबा दरबार पहुंचकर जलाभिषेक करने में कोई दुश्‍वारी न आए।


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