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प्रकृति को बचाना और सजाना ही जीवन का लक्ष्य, जौनपुर के सामाजिक कार्यकर्ता पंकज मिश्रा पौधरोपण के लिए रहे प्रेरित

युवा सामाजिक कार्यकर्ता पंकज मिश्रा ने अपने सेविंग नेचर वेलफेयर सोसायटी एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की सहायता से प्रकृति की मदद करने की पहल की है। पिछले पांच साल से अपनी टीम के साथ हजारों पौधे लगाकर उनका रख-रखाव करने वाला यह युवा लोगों के लिए मिशाल बन रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 10 Jul 2021 09:18 PM (IST)Updated: Sat, 10 Jul 2021 09:18 PM (IST)
प्रकृति को बचाना और सजाना ही जीवन का लक्ष्य, जौनपुर के सामाजिक कार्यकर्ता पंकज मिश्रा पौधरोपण के लिए रहे प्रेरित
युवा सामाजिक कार्यकर्ता पंकज मिश्रा टीम के साथ पौधरोपण करते।

जौनपुर, जागरण संवाददाता। युवा सामाजिक कार्यकर्ता पंकज मिश्रा ने अपने सेविंग नेचर वेलफेयर सोसायटी एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की सहायता से प्रकृति की मदद करने की पहल की है। पिछले पांच साल से अपनी टीम के साथ हजारों पौधे लगाकर उनका रख-रखाव करने वाला यह युवा लोगों के लिए मिशाल बन रहा है।

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पंकज मिश्रा कहते हैं कि प्रकृति समस्त जीवों के जीवन का मूल आधार है। प्रकृति का संरक्षण एवं संवर्धन जीव जगत के लिए बेहद ही अनिवार्य है। प्रकृति पर ही पर्यावरण निर्भर करता है। गर्मी, सर्दी, वर्षा आदि सब प्रकृति के सन्तुलन पर निर्भर करते हैं। यदि प्रकृति समृद्ध एवं संतुलित होगी तो पर्यावरण भी अच्छा होगा और सभी मौसम भी समयानुकूल संतुलित रहेंगे। यदि प्रकृति असंतुलित होगी तो पर्यावरण भी असंतुलित होगा और अकाल, बाढ़, भूस्खलन, भूकम्प आदि अनेक प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं कहर ढाने लगेंगी।

बता दें कि, सेविंग नेचर वेलफेयर एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के साथ मिश्रा और उनकी 15 हजार लोगों की टीम ने अलग-अलग शहरों में हजारों पौधे लगाए हैं। उनका लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों को प्रोत्साहित करना और प्रकृति को बचाना है। पंकज ने बताया कि इस सीख ने उन्हें प्रेरित तब किया, जब वह कॉलेज में थे।उन्होंने उस समय यह निश्चय किया कि वह अब ग्रामीण लोगों के बेहतर भविष्य के लिए काम करेंगे। एमबीए की पढ़ाई पूरी होने के बाद, उन्होंने अपना एनजीओ शुरू किया। पंकज मिश्रा ने एनजीओ का नाम जन संवाद फाउंडेशन रखा, जिसमें उनके साथ 800 लोग जुड़ गए। उसी समय से पंकज और उनकी टीम ने यूपी के कई ग्रामीण लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए दिन-रात काम शुरू कर दिया।

चार महीने गांव-गांव लगाते हैं पौधे

पंकज मिश्रा बताते हैं कि शुरूआत में सिर्फ बारिश में पौधे लगाता था। कई शहरों को देखने के बाद यूपी को भी बदलने संकल्प लिया। अपनी इस सोच के बाद लोगों को पेड़ों का महत्व बताना शुरू किया। जागरुकता रंग लाई आज यूपी के कई शहरों में हजारों युवाओं की फौज खड़ी कर ली है, जो न केवल पौधे लगाते हैं, बल्कि लोगों को यह बताते हैं कि पेड़ क्यों जरूरी हैं। वे बताते हैं, मैंने जनता नर्सरी बनाई, जो प्रकृति प्रेमियों के लिए 24 घंटे खुली है। कोई भी नर्सरी से पौधा ले जा सकता है। शर्त यह है कि उसके पेड़ बनने तक उसकी देखभाल करनी होगी। इसके अलावा, मैं मानसून के दौरान चार महीने के लिए पिकअप में पौधे रखकर गाँव-गाँव जाता हूँ। वहाँ पर अस्पताल, गोशाला, श्मशान आदि सार्वजनिक स्थानों पर पौधे लगाता हूँ। अब तक हमारे फाउंडेशन ने चार लाख से अधिक पौधे लगाये हैं। आगे हम इसे और बड़े स्तर पर ले जायेंगे।


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