बुद्ध अस्थि दर्शन को वियतनामी फूलों से सजा सारनाथ मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर
सारनाथ के मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर को बुद्ध के अस्थि अवशेषों के दर्शन हेतु वियतनामी फूलों से सजाया गया। यह मंदिर बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। इस सजावट का उद्देश्य बुद्ध के प्रति सम्मान व्यक्त करना है और यह दर्शनार्थियों के लिए एक अतिरिक्त आकर्षण है।

बुद्ध अस्थि दर्शन के लिए देश-विदेश से हजारों बौद्ध अनुयायी सारनाथ पहुँच चुके हैं।
जागरण संवाददाता वाराणसी। सारनाथ स्थित मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में भगवान बुद्ध के पवित्र अस्थि अवशेष का दर्शन सोमवार से तीन दिनों तक बौद्ध अनुयायी करेंगे। इस विशेष अवसर के लिए मंदिर में सभी आवश्यक तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं।
मंदिर के विहाराधिपति भिक्षु आर सुमित्ता नन्द थेरो ने जानकारी दी कि बुद्ध अस्थि दर्शन के लिए देश-विदेश से हजारों बौद्ध अनुयायी सारनाथ पहुँच चुके हैं। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर का 94वां वार्षिकोत्सव मनाया जाएगा, जिसमें बुद्ध की अस्थि अवशेष का दर्शन 3 नवम्बर से 5 नवम्बर तक सुबह 6 बजे से 11 बजे तक किया जा सकेगा।
इस दौरान वियतनामी बौद्ध अनुयायियों द्वारा रंगीन प्लास्टिक और धर्माकोल से बने मोर और कमल के फूलों से मंदिर को सजाया गया है। इसके साथ ही, गेंदा के फूलों की माला भी सजाई गई है।
दूसरी ओर, बोधि वृक्ष परिसर में श्रीलंकाई शैली में बने अष्टकोणीय मंडप में महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के महासचिव भिक्षु पी शिबली थेरो के नेतृत्व में 12 बौद्ध भिक्षु विश्व शांति के लिए पूरी रात महापरित्रण पाठ करेंगे। इस पाठ में 500 श्रीलंकाई, 200 वियतनामी, नेपाल, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा सहित अन्य बौद्ध मठों के भिक्षु भी शामिल होंगे।
यह आयोजन न केवल बौद्ध अनुयायियों के लिए धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह विश्व शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। इस अवसर पर श्रद्धालुओं को भगवान बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं के प्रति अपनी आस्था को और मजबूत करने का अवसर मिलेगा। सारनाथ में हो रहे इस भव्य आयोजन की तैयारियों को लेकर सभी संबंधित संस्थाएँ सक्रिय रूप से जुटी हुई हैं।

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